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18 मार्च 2015

जीरे की दैनिक आवक बढ़ी, कीमतों में तेजी बरकरार


निर्यात मांग बढ़ने से कीमतों में 10 फीसदी तेजी की उम्मीद
आर एस राणा
नई दिल्ली। जीरे की प्रमुख उत्पादक मंडी उंझा में दैनिक आवक बढ़कर 40 से 45 हजार बोरी (एक बोरी-55 किलो) हो गई लेकिन स्टॉकिस्टों की सक्रियता से कीमतों में तेजी बनी हुई है। बुधवार को मंडी में जीरे के दाम 2,800 से 3,000 रूपये प्रति 20 किलो क्वालिटीनुसार हो गए। चालू सीजन में जीरे की पैदावार पिछले साल से कम होने का अनुमान है साथ ही बेमौसम बारिष से क्वालिटी भी प्रभावित हुई है। ऐसे में मई-जून में निर्यातकों की मांग बढ़ने से जीरे की मौजूदा कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा तेजी आने का अनुमान है।
जीरा के थोक कारोबारी भास्कर षाह ने बताया कि चालू सीजन में जीरे की पैदावार घटकर 40-45 लाख बोरी होने का अनुमान है जबकि पिछले साल पैदावार 65-70 लाख बोरी की हुई थी। उन्होंने बताया कि उत्पादक क्षेत्रों में बेमौसम बारिष से जीरे की फसल को क्वालिटी भी भारी नुकसान हुआ है। हालांकि उत्पादक मंडियों में जीरे की दैनिक आवक बढ़कर 40 से 45 हजार की हो गई है तथा दैनिक सौदे 28 से 29 हजार बोरियों के हो रहे हैं। बुधवार को मंडी में जीरे के भाव 2,800 से 3,000 रूपये प्रति 20 किलो हो गए। अप्रैल मध्य तक उत्पादक मंडियों में जीरे की दैनिक आवकों का दबाव रहेगा, लेकिन मई-जून में आवक कम हो जायेगी। जिससे मौजूदा कीमतों में 10 से 12 फीसदी की तेजी आने का अनुमान है।
निर्यातक फर्म रजनीकांत बी पोपट के प्रबंधक ने बताया की जूलाई में रमजान का त्यौहार होने के कारण मई-जून में खाड़ी देषों की आयात मांग बढ़ेगी। उधर सीरिया और टर्की में राजनीतिक गतिरोध होने के कारण खाड़ी देषों की 90 फीसदी आयात मांग भारत से पूरी होनी है। इसलिए घरेलू बाजार में जीरे की कीमतों में तेजी की ही संभावना है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित वर्श 2014-15 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) में जीरा निर्यात में 25 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 87,500 टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 70,243 टन का निर्यात हुआ था। मसाला बोर्ड ने चालू वित वर्श में निर्यात का लक्ष्य एक लाख टन का रखा है। जानकारों का मानना है कि निर्यात लक्ष्य से ज्यादा ही होगा।
हनुमान प्रसाद पीयूश कुमार के प्रबधंक विरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस समय जीरे की कुल आवक में 40 से 50 फीसदी माल हल्की क्वालिटी का आ रहा है। हल्की क्वालिटी का माल चालानी में जा रहा है जबकि बढ़िया क्वालिटी का स्टॉक में। चालू सीजन में जीरे की पैदावार घटने की आषंका है इसलिए आगामी महीने में घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग भी बढ़ेगी, जिससे मौजूदा कीमतों में तेजी की ही संभावना है।....आर एस राणा

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