ब्राजील के बाद दुनिया में चीनी का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला भारत लगातार
पांच सालों से जरूरत से ज्यादा चीनी का उत्पादन करने के कारण परेशानियों
का सामना कर रहा है। हाल ही में केंद्र सरकार ने स्टॉक को कम करने के लिए
निर्यात करने पर चीनी मिलों को सब्सिडी देने का फैसला किया है।
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को भी ऐसी ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिसंबर में पाकिस्तान सरकार की ओर से 100 डॉलर प्रति टन की सब्सिडी दिए जाने के बाद पाकिस्तानी मिलों ने 2,50,000 टन चीनी निर्यात करने के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। उद्योग से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि पाकिस्तान की चीनी मिलों में करीब 6,50,000 टन चीनी का स्टॉक पड़ा हुआ है। भारतीय चीनी मिलों ने भी अक्टूबर से शुरू हो रहे सीजन में 50,000 टन कच्ची चीनी का निर्यात करने का सौदा किया है।
अहम बात यह है कि पहले चीनी की आपूर्ति से भरपूर दुनिया के चीनी बाजार में पाकिस्तान की तरफ से आपूर्ति बढऩे से कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है। मानक न्यू यॉर्क कीमतें मंगलवार को वर्ष 2010 के बाद न्यूनतम स्तर तक पहुंच गईं।
पाकिस्तान हर साल करीब 60 लाख टन चीनी का उत्पादन करता है लेकिन उसकी खपत सिर्फ 45 लाख टन की ही है। पाकिस्तान अपनी चीनी मिलों की हालत सुधारने के लिए निर्यात बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। हर साल जरूरत से अधिक उत्पादन करने के कारण पाकिस्तान में चीनी की कीमतें काफी तेजी से गिरी हैं। पिछले छह महीनों में पाकिस्तान में चीनी की कीमतों में 13 फीसदी की गिरावट आई है। (BS Hindi)
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को भी ऐसी ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिसंबर में पाकिस्तान सरकार की ओर से 100 डॉलर प्रति टन की सब्सिडी दिए जाने के बाद पाकिस्तानी मिलों ने 2,50,000 टन चीनी निर्यात करने के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। उद्योग से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि पाकिस्तान की चीनी मिलों में करीब 6,50,000 टन चीनी का स्टॉक पड़ा हुआ है। भारतीय चीनी मिलों ने भी अक्टूबर से शुरू हो रहे सीजन में 50,000 टन कच्ची चीनी का निर्यात करने का सौदा किया है।
अहम बात यह है कि पहले चीनी की आपूर्ति से भरपूर दुनिया के चीनी बाजार में पाकिस्तान की तरफ से आपूर्ति बढऩे से कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है। मानक न्यू यॉर्क कीमतें मंगलवार को वर्ष 2010 के बाद न्यूनतम स्तर तक पहुंच गईं।
पाकिस्तान हर साल करीब 60 लाख टन चीनी का उत्पादन करता है लेकिन उसकी खपत सिर्फ 45 लाख टन की ही है। पाकिस्तान अपनी चीनी मिलों की हालत सुधारने के लिए निर्यात बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। हर साल जरूरत से अधिक उत्पादन करने के कारण पाकिस्तान में चीनी की कीमतें काफी तेजी से गिरी हैं। पिछले छह महीनों में पाकिस्तान में चीनी की कीमतों में 13 फीसदी की गिरावट आई है। (BS Hindi)
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