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20 मार्च 2015

नए सीजन में भी गेहूं निर्यात बढ़ने की संभावना कम


विष्व बाजार में दाम कम होने से चालू वित्त वर्श में 41 फीसदी आई गिरावट
आर एस राणा
नई दिल्ली। विष्व बाजार में गेहूं की कीमतें नीचे होने के कारण भारत से नए रबी विपणन सीजन में भी निर्यात बढ़ने की संभावना न के बराबर है। अमेरिका और आस्ट्ेलिया का गेहूं भारतीय गेहूं के मुकाबले 50-60 डॉलर प्रति टन सस्ता है जबकि मई-जून में यूक्रेन और रूस में नई फसल की आवक होने से विष्व बाजार में प्रतिस्पर्धा और बढ़ जायेगी। चालू वित्त वर्श 2014-15 के पहले दस महीनों (अप्रैल से जनवरी) के दौरान देष से गेहूं के निर्यात में 41 फीसदी की भारी गिरावट आई है।
गेहूं की निर्यातक फर्म के एक वरिश्ठ अधिकारी ने बताया कि विष्व बाजार में इस समय आस्ट्ेलिया और अमेरिकी गेहूं का दाम 230 से 245 डॉलर प्रति टन (एफओबी) है जबकि भारतीय गेहूं का भाव 280 से 300 डॉलर प्रति टन है। अप्रैल में हमारी नई फसल की आवक बनेगी, जबकि मई-जून में रूस और यूक्रेन में नया गेहूं आयेगा। ऐसे में विष्व बाजार में गेहूं की उपलब्धता बराबर बनी रहेगी जिससे विष्व बाजार में गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। यही कारण है कि नए सीजन में भी भारत से गेहूं का निर्यात बढ़ने की उम्मीद कम है।
एपिडा के एक वरिश्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू वित्त वर्श के पहले दस महीनों (अप्रैल से जनवरी) के दौरान गेहूं के निर्यात में 41 फीसदी की गिरावट आकर कुल 28.27 लाख टन का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में 47.99 लाख टन गेहूं का निर्यात हुआ था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्श के पहले दस महीनों में मूल्य के हिसाब से गेहूं के निर्यात में 39.39 फीसदी की कमी आकर कुल 4,816.70 करोड़ रूपये का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में 7,947.17 करोड़ रूपये मूल्य का निर्यात हुआ था।
परवीन कामर्षियल कंपनी के प्रबंधक नवीन गुप्ता ने बताया कि गुजरात में नई फसल की आवक हो रही है तथा बंगलुरू पहुंच भाव 1,680 रूपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। कांडला बंदरगाह पर गेहूं के भाव 1,520 से 1,530 रूपये प्रति क्विंटल है।
कृशि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में गेहूं की पैदावार घटकर 957.6 लाख टन होने का अनुमान है जबकि बीते वर्श 958.5 लाख टन की पैदावार हुई थी। जानकारों का मानना है कि चालू रबी में बुवाई में तो कमी आई ही है साथ ही मार्च में हुई भारी बारिष और ओलावृश्टि से गेहूं की फसल का भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में पैदावार घटकर 920-930 लाख टन ही होने का अनुमान है।.......आर एस राणा

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