जिंस एक्सचेंजों का कारोबार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से फरवरी की अवधि के
दौरान 41 प्रतिशत घटकर 56,43 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। एफएमसी ने कहा कि
ऐसा मुख्य तौर पर ज्यादातर जिंसों में निवेशकों की भागीदारी घटने के कारण
हुआ। जिंस क्षेत्र के नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने कहा कि इन
एक्चेंजों ने पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 95.13 लाख करोड़ रुपये का
कारोबार किया था। सबसे अधिक गिरावट सर्राफा में हुई जिसके बाद ऊर्जा, धातु
और कृषि जिंसों का स्थान रहा। विशेषज्ञों ने कहा कि अधिक हस्तांतरण लागत और
अन्य वित्तीय बाजारों से अच्छा मुनाफा मिलने के मद्देनजर कारोबारी मात्रा
घटी। एफएमसी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक सर्राफा का कारोबार वित्त वर्ष 2014-15
की अप्रैल से फरवरी की अवधि में 51 प्रतिशत घटकर 20.05 लाख करोड़ रुपये
रहा जो इससे पिछले साल की इसी अवधि में 40.83 लाख करोड़ रुपये था। (BS Hindi)
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