बेमौसम बारिश के कारण भारत का गेहूं उत्पादन पिछले वर्ष 2013-14 के रिकॉर्ड
उत्पादन 9.58 करोड़ टन के मुकाबले चालू फसल वर्ष में 2 फीसदी घटने के आसार
हैं। एक सरकारी शोध संस्थान ने यह जानकारी दी है। इसने कहा है कि इस समय
गेहूं पक चुका है और ताजा बारिश से पंजाब और हरियाणा में गेहूं की फसल को
नुकसान हुआ है। पंजाब और हरियाणा गेहूं के दो प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
बारिश से नमी का स्तर बढ़ेगा, गुणवत्ता प्रभावित होगी और कटाई में 10 से 15
दिनों की देर होगी।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण करीब 62 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान निदेशालय की प्रमुख इंदु शर्मा ने कहा, 'फसल में नुकसान के स्तर को देखते हुए ऐसे आसार हैं कि इस साल कुल उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 2 प्रतिशत घटेगा।' देर से बोई गई गेहूं की फसल से अब भी उम्मीद है। शर्मा ने कहा कि अगर देर से बोई फसल के कारण उपज बेहतर रहती है और प्रतिकूल मौसम से निष्प्रभावी रहती है तो गेहूं उत्पादन लगभग पिछले साल के स्तर पर ही बना रह सकता है।' उन्होंने कहा कि गेहूं बुआई का कुल रकबा करीब 2.8 करोड़ हेक्टेयर है, जिसमें करीब 15 प्रतिशत फसल की बुआई देर से हुई है। शर्मा ने कहा कि ताजा बारिश का दौर खड़ी गेहूं फसल के लिए अच्छा नहीं है।
उन्होंने कहा, 'बारिश के कारण उपज अधिक प्रभावित नहीं होगी, क्योंकि बड़ क्षेत्रों में फसल पक चुकी है। लेकिन इसके कारण (नमी बढऩे से) गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।' उन्होंने कहा कि किसानों को यह देखना और सुनिश्चित करना होगा कि खेत में पानी जमा न हो। बारिश के कारण पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूं की कटाई में 10 से 15 दिनों की देर हो सकती है। (BS Hindi)
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण करीब 62 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान निदेशालय की प्रमुख इंदु शर्मा ने कहा, 'फसल में नुकसान के स्तर को देखते हुए ऐसे आसार हैं कि इस साल कुल उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 2 प्रतिशत घटेगा।' देर से बोई गई गेहूं की फसल से अब भी उम्मीद है। शर्मा ने कहा कि अगर देर से बोई फसल के कारण उपज बेहतर रहती है और प्रतिकूल मौसम से निष्प्रभावी रहती है तो गेहूं उत्पादन लगभग पिछले साल के स्तर पर ही बना रह सकता है।' उन्होंने कहा कि गेहूं बुआई का कुल रकबा करीब 2.8 करोड़ हेक्टेयर है, जिसमें करीब 15 प्रतिशत फसल की बुआई देर से हुई है। शर्मा ने कहा कि ताजा बारिश का दौर खड़ी गेहूं फसल के लिए अच्छा नहीं है।
उन्होंने कहा, 'बारिश के कारण उपज अधिक प्रभावित नहीं होगी, क्योंकि बड़ क्षेत्रों में फसल पक चुकी है। लेकिन इसके कारण (नमी बढऩे से) गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।' उन्होंने कहा कि किसानों को यह देखना और सुनिश्चित करना होगा कि खेत में पानी जमा न हो। बारिश के कारण पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूं की कटाई में 10 से 15 दिनों की देर हो सकती है। (BS Hindi)
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