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28 मार्च 2015

आवक में तेजी से हल्दी के दाम 15 फीसदी गिरे

हल्दी की कीमतों में गिरावट तेज होती जा रही है। आवक बढऩे के कारण हल्दी के दाम गिरकर चार महीने के निचले स्तर पर आ गए हैं। पिछले एक माह में इसकी कीमतें 15 फीसदी से ज्यादा गिरी हैं। मंडी में पुराना स्टॉक मौजूद होने और नई आवक रफ्तार पकडऩे की वजह से कीमतें अभी और नीचे आएंगी।
पिछले साल सबसे अच्छा रिटर्न देने वाली हल्दी इस समय निवेशकों को पसंद नहीं आ रही है। कमजोर मांग और आवक अधिक होने से हल्दी वायदा और हाजिर दोनों जगह गिर रही है। एनसीडीईएक्स में हल्दी अप्रैल अनुबंध की कीमत टूटकर 7,530 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गई है। हालांकि कारोबार बंद होने के समय एनसीडीईएक्स अप्रैल अनुबंध 7,558 रुपये पर बंद हुआ। वायदा बाजार में हल्दी की मौजूदा कीमत दिसंबर 2014 के दूसरे सप्ताह में थी। वायदा की तरह हाजिर बाजार में भी कीमतें लगातार गिर रही हैं। इरोड मंडी में हल्दी 6,000 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गई है। कीमतें गिरने की वजह से किसान परेशान हैं, क्योंकि उनकी लागत 6,000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास है।
देश की सबसे बड़ी हल्दी मंडी इरोड में आवक तेजी से बढ़ी है। एक सप्ताह पहले तक इरोड में हल्दी की औसत आवक 5,000 बोरी थी, जो इस समय बढ़कर 8,000  बोरी (एक बोरी में 70 किलोग्राम) हो गई है। आवक बढऩे से हाजिर बाजार में हल्दी की औसत कीमत 7,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। हल्दी कारोबारियों के अनुसार इरोड में अभी भी अच्छी गुणवत्ता वाली हल्दी 8,000 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। लेकिन यह भी सही है कि थोड़ी भी खराब हल्दी को 6,000 रुपये प्रति क्विंटल में भी खरीदार मिलना मुश्किल है। हाजिर बाजार में कीमतें टूटने का असर वायदा बाजार पर भी देखने को मिल रहा है।
वायदा और हाजिर बाजार में हल्दी की कीमतें हर दिन 200-300 रुपये प्रति क्विंटल टूट रही हैं। ऐंजल कमोडिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक हल्दी की आवक अभी तेज रहेगी। ऐसे में कीमतें और प्रभावित होंगी। वायदा बाजार में हल्दी की कीमतें कमजोर होने के कारण हाजिर बाजार में भी कारोबारी हल्दी पर हाथ नहीं लगाना चाह रहे हैं। लगातार सस्ती होती हल्दी पर इरोड टरमरिक मर्चेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि इरोड मंडी में कारोबारियों के पास अभी पुराना स्टॉक है और नए माल की आवक बढ़ गई है। ऐसे में स्टॉकिस्ट माल खरीदना नहीं चाह रहे हैं और बाजार में फिलहाल बहुत ज्यादा मांग नहीं है। इस वजह से कीमतें गिर रही हैं। हल्दी कारोबारी प्रवीण शाह कहते हैं कि अगले एक महीने तक हल्दी की कीमतें चोट खाती रहेंगी और ये टूटकर 5,000 रुपये प्रति क्विंटल तक आ सकती हैं। (BS Hindi)

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