देश
के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में हाल में हुई बारिश से तिलहन फसलों में तेल
की मात्रा बढ़ेगी। लेकिन अगर बारिश का दौर ज्यादा लंबा चला तो इससे उत्पादन
पर बुरा असर पड़ेगा और खाद्य तेल का आयात लगातार चौथे साल नई ऊंचाई पर
पहुंचने के आसार बढ़ेंगे।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में बीज विज्ञान के प्रमुख डी के यादव ने कहा, 'हाल की बारिश से तापमान अनुकूल स्तर पर आ गया है, जिससे तिलहन में तेल का अंश बढ़ेगा। लेकिन फिर भी हमें यह देखना होगा कि इस महीने के अंत तक तापमान कैसा बना रहता है।' रेपसीड की कटाई अगले 10 दिन में शुरू हो जाएगी और अगर बारिश एवं ओले गिरे तो फसल को भारी नुकसान पहुंचेगा। लगातार बारिश से कीटों का प्रकोप बढऩे का भी खतरा है।
भारत के प्रमुख रेपसीड उत्पादक राज्य राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के 47 वर्षीय किसान मनी राम जाट ने कहा, 'बेमौसम बारिश से कोई बड़ी आफत नहीं आई है। लेकिन यदि बारिश अगले कुछ दिनों तक लगातार जारी रही तो नुकसान की आशंका है।' फसल के कम उत्पादन से खाद्य विश्व के सबसे बड़े आयातक (भारत) की तेल आयात मांग बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकती है। उद्योग के अधिकारियों ने हाल में एक बड़े सम्मेलन में कहा था कि वर्ष 2014-15 में खाद्य तेल का आयात 125 से 130 लाख टन तक पहुंच सकता है। देश में हर साल खाद्य तेल की खपत 180 से 190 लाख टन है, जिसमें से 60 फीसदी मांग आयात के जरिये पूरी होती है। भारत में रेपसीड की फसल में तेल की मात्रा सबसे ज्यादा होता है और इसके उत्पादन का देश के खाद्य तेल आयात को सीमित रखने में बड़ा योगदान होता है। हालांकि देश की आबादी और अर्थव्यवस्था में वृद्धि के साथ खाद्य तेल आयात बढ़ रहा है। (BS HIndi)
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में बीज विज्ञान के प्रमुख डी के यादव ने कहा, 'हाल की बारिश से तापमान अनुकूल स्तर पर आ गया है, जिससे तिलहन में तेल का अंश बढ़ेगा। लेकिन फिर भी हमें यह देखना होगा कि इस महीने के अंत तक तापमान कैसा बना रहता है।' रेपसीड की कटाई अगले 10 दिन में शुरू हो जाएगी और अगर बारिश एवं ओले गिरे तो फसल को भारी नुकसान पहुंचेगा। लगातार बारिश से कीटों का प्रकोप बढऩे का भी खतरा है।
भारत के प्रमुख रेपसीड उत्पादक राज्य राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के 47 वर्षीय किसान मनी राम जाट ने कहा, 'बेमौसम बारिश से कोई बड़ी आफत नहीं आई है। लेकिन यदि बारिश अगले कुछ दिनों तक लगातार जारी रही तो नुकसान की आशंका है।' फसल के कम उत्पादन से खाद्य विश्व के सबसे बड़े आयातक (भारत) की तेल आयात मांग बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकती है। उद्योग के अधिकारियों ने हाल में एक बड़े सम्मेलन में कहा था कि वर्ष 2014-15 में खाद्य तेल का आयात 125 से 130 लाख टन तक पहुंच सकता है। देश में हर साल खाद्य तेल की खपत 180 से 190 लाख टन है, जिसमें से 60 फीसदी मांग आयात के जरिये पूरी होती है। भारत में रेपसीड की फसल में तेल की मात्रा सबसे ज्यादा होता है और इसके उत्पादन का देश के खाद्य तेल आयात को सीमित रखने में बड़ा योगदान होता है। हालांकि देश की आबादी और अर्थव्यवस्था में वृद्धि के साथ खाद्य तेल आयात बढ़ रहा है। (BS HIndi)
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