कुल पेज दृश्य

02 मार्च 2015

राज्य 3-4 फीसदी खाद्यान कर पर नहीं राजी

राज्य सरकारों ने शांता कुमार की अगुआई वाले एफसीआई पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन लेकर अनिच्छा जताई है। आयोग ने खाद्यान पर 3 से 4 फीसदी की दर से कर निश्चित करने और कमीशन लगाने की सिफारिश की है। फिलहाल राज्य उच्च दर से सांविधिक शुल्क और कमीशन लेते हैं।  यह विभिन्न राज्यों में अलग-अलग है। गेहूं के मामले में जहां राजस्थान में 3.6 फीसदी है वहीं पंजाब में यह 14.5 फीसदी है। दूसरी तरफ गुजरात और पश्चिम बंगाल में यह 2 फीसदी से कम है। ऐसा समझा जाता है कि कर की ऊंची दर के कारण निजी व्यापारी कुछ राज्यों में अनाज खरीदने से बचते हैं।

खाद्य सचिव सुधीर कुमार ने कहा, 'यह वांछनीय है, लेकिन फिलहाल इसे लागू करना संभव नहीं है। राज्य इसके लिए तैयार नहीं हैं। हमें यह देखने की जरूरत है कि कर मुद्दे पर क्या किया जा सकता है।' उन्होंने कहा कि केंद्र ने पहले ही इस मुद्दे पर राज्यों से बात की है और हमें इसके समाधान के लिए रास्ता तलाशना होगा। भारतीय खाद्य निगम में व्यापक पुनर्गठन के बारे में सुझाव देने के लिए भाजपा सांसद शांता कुमार की अध्यक्षता में अगस्त 2014 में आठ सदस्यीय आयोग गठित किया गया। आयोग ने सुझाव दिया है कि एफसीआई को इन शुल्कों और कमीशन को 3 फीसदी या अधिकतम 4 फीसदी पर नियत करना चाहिए। खाद्य सचिव ने यह भी कहा कि आयोग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभार्थियों की संख्या देश की कुल आबादी का 67 फीसदी से कम कर 40 फीसदी करने की सिफारिश की है। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: