मुंबई December 01, 2009
नवंबर महीने में हुई बेमौसम बारिश के चलते चालू सत्र के दौरान महाराष्ट्र में चीनी की रिकवरी में 1 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आई है।
2009-10 (अक्टूबर-सितंबर) पेराई सत्र के दौरान पहले महीने में चीनी की रिकवरी घटकर 8.9 प्रतिशत रह गई है, जो पिछले साल की समान अवधि के दौरान 10.2 प्रतिशत थी। ये आंकड़े राज्य की करीब 175 चीनी मिलों के प्रतिनिधि संगठन, महाराष्ट्र स्टेट फेडरेशन आफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज ने जारी किए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक 26 नवंबर तक 121 चीनी मिलों ने पेराई का काम इस सत्र में शुरू किया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 135 मिलों ने पेराई शुरू की थी। इन मिलों ने कुल 82 लाख टन गन्ने की पेराई की है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में कुल 71.6 लाख टन गन्ने की पेराई हुई थी।
इस साल गन्ने की पेराई में 10 लाख टन से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, जबकि चीनी का कुल उत्पादन 7.3 लाख टन है, जो पिछले साल के 7.35 लाख टन के लगभग बराबर है। फेडरेशन के सचिव अजीत चौगुले ने कहा कि सामान्यतया फसल पकने के समय नमी में बढ़ोतरी का खराब असर होता है और इससे गन्ने में सुक्रोज की मात्रा कम होती है और रिकवरी कम हो जाती है।
बहरहाल अंतिम दिनों में हुई धूप की वजह से बेहतर रिकवरी की उम्मीद बढ़ी है। महाराष्ट्र में इस साल चीनी उत्पादन 46-47 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के लगभग बराबर होगा, क्योंकि पिछले साल चीनी की रिकवरी 11।5 प्रतिशत थी। राज्य ने गन्ने का कुल उत्पादन 4 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया है। महाराष्ट्र में गन्ने की पेराई नवंबर की शुरुआत में हो गई थी। (बीएस हिन्दी)
03 दिसंबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें