07 दिसंबर 2009
अमेरिका, यूरोप की मांग से मेंथा तेल तेज
अमेरिका और यूरोप की मांग से मेंथा तेल की कीमतों में पिछले दो-तीन दिनों में 20-25 रुपये प्रति किलो तक की तेजी आई है। उत्पादक मंडियों में मेंथा तेल के दाम बढ़कर 654 रुपये और क्रिस्टल बोल्ड के दाम 750 रुपये प्रति किलो हो गए। लेकिन दाम बढ़ने से मेंथा तेल में स्टॉकिस्टों की बिकवाली पहले की तुलना में बढ़ गई है, जबकि क्रिसमस की छुट्टियों को देखते हुए आयातकों ने आयात सौदे पहले की तुलना में कम कर दिये हैं। ऐसे में मेंथा तेल की कीमतों में आंशिक गिरावट आने की संभावना है, लेकिन भविष्य तेजी का ही है। एसेंशियल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष योगेश दुबे ने बिजनेस भास्कर को बताया कि अमेरिका और यूरोप के आयातकों की मांग बढ़ने से घरेलू बाजार में मेंथा तेल और क्रिस्टल बोल्ड के भाव बढ़कर क्रमश: 654 रुपये और 750 रुपये प्रति किलो हो गये हैं। गत सप्ताह तक आयातक 16 डॉलर प्रति किलो कॉस्ट एंड फ्रेट (सीएंडएफ) की दर से मेंथा क्रिस्टल बोल्ड की खरीद कर रहे थे लेकिन पिछले दो-तीन दिनों से इन देशों के आयातकों की मांग पहले की तुलना में घट गई है। क्रिसमस की छुट्टियों को देखते हुए आयातक नये सौदे नहीं कर रहे हैं। वैसे भी घरेलू बाजार में दाम ऊंचे होने से स्टॉकिस्टों ने बिकवाली भी बढ़ा दी है। इसलिए मेंथा तेल की मौजूदा कीमतों में आंशिक गिरावट की संभावना है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर जनवरी महीने के वायदा अनुबंध में निवेशकों की मुनाफावसूली से गिरावट आई है। शनिवार को जनवरी वायदा में इसके भाव घटकर 626 रुपये प्रति किलो रह गये जबकि एक दिसंबर को इसके दाम 634 रुपये प्रति किलो थे। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर के दौरान भारत से मेंथा उत्पादों के निर्यात में 20 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 10,125 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 12,725 टन का निर्यात हुआ था। वित्त वर्ष 2008-09 में भारत से 20,500 टन मेंथा उत्पादों का निर्यात हुआ था। जबकि मसाला बोर्ड ने वित्त वर्ष 2009-10 में निर्यात का लक्ष्य 22,000 टन का रखा है। दुबे ने बताया कि विश्व स्तर पर आर्थिक स्थिति सुधर रही है तथा विश्व बाजार में भारत की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी की है। ऐसे में क्रिसमस की छुट्टियों के बाद निर्यातकों की मांग में बढ़ोतरी ही होने की संभावना है। मैसर्स ग्लोरियस केमिकल के डायरेक्टर अनुराग रस्तोगी ने बताया कि चालू सीजन में मेंथा तेल का उत्पादन बढ़कर 30-32 हजार टन होने की संभावना है। सप्ताह के आखिर तक प्रमुख उत्पादक मंडियों संभल, चंदौसी और बाराबंकी में मेंथा तेल की दैनिक आवक बढ़कर 400-450 ड्रमों (एक ड्रम 180 किलो) की हो गई। भाव बढ़ने से स्टॉकिस्टों की बिकवाली पहले की तुलना में बढ़ गई है। ऐसे में दिसंबर महीने में मेंथा तेल की कीमतों में हल्की गिरावट आ सकती है लेकिन भविष्य में भाव तेज ही बने रहेंगे। (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)
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