05 दिसंबर 2009
उत्तर प्रदेश से बाहर गन्ना बेचने पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों को चेतावनी दी है कि उन्हें पड़ोसी राज्यों में गन्ना बेचने की इजाजत नहीं दी जाएगी। किसानों ने राज्य की मिलों के बजाय गन्ने का अच्छा भाव दे रही उत्तराखंड और हरियाणा की मिलों को गन्ना बेचने की धमकी दी थी। केंद्र सरकार ने भरोसा जताया है कि इस मौसम में चीनी की कमी नहीं होगी। मुजफ्फरनगर के जिला गन्ना विकास अधिकारी वी।के. शुक्ला ने बताया कि जो भी व्यक्ति उत्तर प्रदेश में कम कीमत पर गन्ना खरीदकर हरियाणा और उत्तराखंड में ऊंची कीमत पर बेचने के लिए ले जाएगा, उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने का राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) 165 से 170 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। उधर किसानों का कहना है कि उत्तराखंड में चीनी मिलें गन्ने की 220 रुपये और हरियाणा में 200 रुपये प्रति क्विंटल कीमत दे रही हैं। खाद्य व कृषि मंत्री शरद पवार ने संसद में जवाब देते हुए कहा है कि चालू सीजन में करीब 160 लाख टन का उत्पादन होने का अनुमान है। इसके अलावा बीते वर्ष का 24 लाख टन बकाया स्टॉक भी उपलब्ध है। साथ ही अभी तक 50 लाख टन रॉ शुगर के आयात के लिए समझौते हो चुके हैं। इससे देशभर की मांग के मुताबिक चीनी की आपूर्ति आसानी से कर दी जाएगी। पवार ने संसद को यह भी अवगत कराया कि तीन महीने के चीनी का जो भी स्टॉक रखा जाता है, उसमें कमी आ सकती है। हालांकि इसका कोई आंकड़ा पेश नहीं किया गया। इस बाबत पवार ने संसद में बताया कि इससे बचने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, साथ ही आयात बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है। (बिज़नस भास्कर)
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