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01 दिसंबर 2009

खाड़ी ने ज़ेवरों की रंगत बिगाड़ी

मुंबई November 30, 2009
रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने 200 करोड़ रुपये के अपने 'अनंत' नाम की आभूषण प्रोत्साहन योजना पर फिलहाल ब्रेक लगा दिए हैं।
इसकी वजह दुबई वर्ल्ड कर्ज संकट और भारत में मिल रहे ठंडे रुख को बताया जा रहा है। जीजेईपीसी वाणिज्य मंत्रालय के अधीन रत्न और आभूषण कारोबार की शीर्ष संस्था है। अनंत जीजेईपीसी का पहला ब्रांड है और भारत में यह संस्था अपने करीब 200 आउटलेट पर अगस्त से ही इसे बेच रही है और फरवरी तक यह सिलसिला चलेगा।
अगले साल की शुरुआत में परिषद अनंत का विस्तार करना चाह रही थी और इसे देश की सीमाओं से बाहर ले जाकर दुबई और शारजाह में पेश करने जा रही थी। इसके लिए स्थानीय आभूषण विक्रेताओं से बातचीत भी कई।
बहरहाल दुबई के ताजा कर्ज संकट ने अनंत की रफ्तार थाम दी है। परिषद में विपणन और कारोबार विकास के संयोजक संजय कोठारी का कहना है, 'परिषद को मिल रहे ठंडे रेस्पॉन्स और दुबई में वित्तीय संकट की वजह से फिलहाल यह योजना टालनी पड़ रही है।'
भारत से होने वाले कुल आभूषण निर्यात का 35 फीसदी दुबई को होता है और इसमें से ज्यादातर निर्यात सोने से बने जेवरों का ही होता है। दुबई से फिर इन जेवरों को रूस, ईरान, इराक और अफ्रीकी देशों को निर्यात किया जाता है।
दुबई कर्ज़ संकट का हुआ असरजेवरों की प्रदर्शनी को पड़ा टालना, 200 करोड़ रुपये की योजनादेश से होने वाले कुल जेवर निर्यात का 35 फीसदी दुबई को (बीएस हिन्दी)

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