मुंबई December 01, 2009
भारतीय जिंस बाजार में पहली बार वायदा और हाजिर कारोबार को एक कड़ी से जोड़ने वाला सौदा एक्सचेंज ऑफ फ्यूचर्स फॉर फिजिकल्स (ईएफपी) सौदों की शुरुआत की गई है।
देश के अग्रणी कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स ने ईएफपी सौदों की शुरुआत की है। इस तरह के सौदों से माना जा रहा है कि कमोडिटी में कारोबार करने वालों के बीच वायदा कारोबार की उपयोगिता बढ़ेगी।
एमसीएक्स के मुख्य बिजनेस अधिकारी सुमेश पारसराम पुरिया ने बताया कि ईएफपी सौदों का अर्थ है-दो कारोबारियों के बीच फिजिकल कमोडिटी के बदले फ्यूचर्स अनुबंधों का विनिमय है। ईएफपी के जरिए या तो नई फ्यूचर्स पोजिशन बनाई जा सकती हैं, वर्तमान पोजिशन बंद की जा सकती है, या फ्यूचर्स पोजिशन को हाजिर जिंसों के पोजिशन के साथ अदला-बदली किए जा सकते है।
दूसरे लाभों में, ईएफपी के इस्तेमाल से कारोबारी कमोडिटी के सौदों में लगने वाले लॉजिस्टिक को भाव से अलग कर सकते हैं, जिसे दोनों पार्टियां आपस में स्वतंत्र रुप से बांट सकती हैं। सुमेश के अनुसार एमसीएक्स ने ईएफपी के लिए शुरू में सोना, सोना मिनी, चांदी और चांदी मिनी, तांबा, जस्ता, एल्युमीनियम, निकल, सीसा, चना, गेहूं और मेंथा तेल में सौदे शुरू किया है।
इन कुल 13 जिंसों का सफलता के बाद और भी जिंसों का सौदा ईपीएफ के द्वारा किया जा सकेगा। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि क्रेता और विक्रेता यदि सहमत हो जाते हैं तो ईपीएफ सौदों के तहत किसी भी समय और कही भी डिलिवरी की जा सकती है। हालांकि ईपीएफ सौदों में होने वाले कारोबार का अनुमान अभी एक्सचेंज को भी नहीं हैं।
आंकड़ों के बारे में एक्सचेंज अधिकारियों का कहना है कि अभी शुरुआत है इसलिए इसे हम ट्रायल के तौर पर देख रहे हैं बाजार की नीतियां कुछ दिनों बाद तय की जाएंगी। एमसीएक्स द्वारा ईपीएफ सौदों की शुरुआत किये जाने पर वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के चेयरमैन बीसी खटुआ ने कहा कि एक नियामक होने के नाते हम उत्पादों के नवीनीकरण के लिए समय-समय पर दिशा नीतियां बनाते हैं ।
ईएफपी की शुरुआत भारतीय कमोडिटी मार्केट के लिए शुभ संकेत है। इसे कारोबारियों का जोखिम कम होगा जबकि सहूलियतें बढ़ेगी। वैश्विक स्तर पर, ईएफपी के सौदों की सुविधा सभी कमोडिटी एक्सचेंजों में हैं। बहुत से वायदा सौदों को सामान्य डिलिवरी प्रक्रिया से हटकर ईएफपी के जरिए निपटाया जाता है। भारत में ईएफपी सौदों के चलने व न चलने को लेकर काफी जद्दोजहद थी।
मिनियापोलिस और कानसास एक्सचेंजों में किसान रेगुलर रेड विंटर गेहूं कांट्रैक्ट में अपने पोजिशन बनाते हैं और उनकी डिलिवरी ईएफपी के जरिए करते हैं। चीन में भी डालियम कमोडिटी एक्सचेंज में मकई के वायदों को नकदी में ईएफपी के लिए सेटल किए जाते हैं। नायमेक्स और कॉमेक्स पर भी ईएफपी सोने और एनर्जी के वायदों की डिलिवरी के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
साथ में यह फिजिकल, ओटीसी और विनिमय सौदों को भी एकीकृत करता है। भारतीय कमोडिटी बाजारों में अंतरराष्ट्रीय स्तर की इस प्रणाली को शुरू करने से विकास के नए रास्ते खुलेंगे।
नई शुरुआत
एमसीएक्स ने ईएफपी के लिए शुरू में सोना, सोना मिनी, चांदी, चांदी मिनी, तांबा, जस्ता, निकल, एल्युमीनियम, सीसा, चना, गेहूं और मेंथा तेल में सौदा शुरू किया है। इन 13 जिंसों की सफलता के बाद अन्य जिंसों का भी सौदा शुरू किया जा सकता है (बीएस हिन्दी)
03 दिसंबर 2009
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