रायपुर December 01, 2009
छत्तीसगढ़ में किसान धान की बेहतर कीमत हासिल करने के लिए राज्य सरकार के खिलाफ गांधीगीरी करने जा रहे हैं।
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी समितियों को बेचे जाने वाले धान के लिए 270 रुपये प्रति क्विंटल के बोनस की मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार की ओर से घोषित बोनस के साथ राज्य सरकार ने भी धान के लिए प्रति क्विंटल 50 रुपये बोनस तय किया था।
केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से घोषित बोनस के बाद अब किसानों को सामान्य ग्रेड के लिए 1,050 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए 1,080 रुपये प्रति क्विंटल कीमत मिलेंगे। राज्य में धान की खरीद 12 अक्टूबर को शुरू हुई है जो अगले साल 31 जनवरी तक जारी रहेगी।
किसानों ने इस मुद्दे को लेकर 9 नवंबर को जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था। अब किसानों ने अपनी मांग मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से गांधीगीरी का सहारा लेने का फैसला किया है। किसानों के विभिन्न समूहों के साथ बैठक के बाद किसान नेता संकेत ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन शुरू किया जाएगा।
ठाकुर ने बताया कि इस आंदोलन के तहत किसान बिजली बिलों, सिंचाई कर और ऋण की किस्तों का भुगतान करना बंद कर देंगे। हमने अपनी मांगों को मनवाने के लिए राज्य सरकार को 6 दिसंबर तक का समय दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो उसे असहयोग आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि अगर ऋणों की अदायगी के लिए किसानों को बिल या नोटिस मिलेंगे, तो वे सब एक गांव में एकत्रित होकर ऐसे कागजातों की होली जलाएंगे। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए ग्रामीण स्तर पर किसानों की संयुक्त कार्य समिति बनाई गई है। (बीएस हिन्दी)
03 दिसंबर 2009
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