कुल पेज दृश्य

05 दिसंबर 2009

साल भर में दोगुनी हुई रबर की कीमत

कोच्चि December 04, 2009
जोरदार मांग के चलते रबर बाजार में गुरुवार को प्राकृतिक रबर की मुख्य किस्म आरएसएस-4 ने 128 रुपये प्रति किलोग्राम को छू लिया।
पिछले साल इसी दिन रबर की कीमतों की तुलना में यह करीब दोगुनी है। गौरतलब है कि 3 दिसंबर 2008 को स्थानीय बाजार में प्राकृतिक रबर की कीमत 65 रुपये प्रति किलोग्राम थी। बाजार की मौजूदा तेजी को देखते हुए इस बात की पूरी संभावना है कि यह कीमत के पुराने सारे रिकॉर्ड को तोड़ देगा। यह तब है जब यह सीजन काफी बेहतर उत्पादन का रहा है।
कीमत में तेजी की वजह वैश्विक बाजार और वायदा बाजार में इसकी कीमतों में आई उछाल है। मजेदार चीज है कि स्थानीय बाजार में आरएसएस-4 ग्रेड की कीमत 3 दिसंबर 2006 को 76.5 रुपये और 3 दिसंबर 2007 को 92 रुपये प्रति किलोग्राम थी। प्राकृतिक रबर की मौजूदा कीमत मुख्य उत्पादन सीजन के दौरान के सबसे ऊंचे स्तरों में से एक है।
30 अगस्त 2008 को रबर की कीमत 148 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो कीमत का अब तक का सर्वोच्च स्तर है। कारोबारियों के एक धड़े का मानना है कि मांग में हो रही वृद्धि के चलते रबर अब तक के रिकॉर्ड को तोड़ सकता है। मांग में तेजी मुख्यत: टायर कंपनियों की मांग के चलते आई है। ब्रोकरों और कारोबारियों के मुताबिक, रबर की कीमत में आई उछाल बिल्कुल असामान्य है।
दरअसल नवंबर में इसकी आपूर्ति में खासा सुधार हुआ है। रबर बोर्ड के अनुमानों के मुताबिक, नवंबर में प्राकृतिक रबर का उत्पादन इसके पिछले महीने के 95,550 टन की तुलना में बढ़कर 1,03,000 टन हो गया। ठंड के चलते दिसंबर में रबर का उत्पादन पीक पर रहने का अनुमान है। इसके चलते रबर की आपूर्ति में सुधार होगा।
बोर्ड के अनुमान के मुताबिक, देश में प्राकृतिक रबर का कुल भंडार बढ़कर 2.47 लाख टन हो गया है। ऐसा अप्रैल से नवंबर की अवधि में आयात में तेजी और निर्यात में भारी कमी के चलते हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया के सभी बाजारों में कीमतों में हुई भारी उछाल के चलते प्राकृतिक रबर का घरेलू बाजार तेज हो गया है।
भारी बारिश और बाढ़ ने थाईलैंड और इंडोनेशिया में रबर उत्पादन को प्रभावित किया है। इसलिए भी वैश्विक स्तर पर रबर की कीमत में तेजी हो रही है। (बीएस हिन्दी)

कोई टिप्पणी नहीं: