कोच्चि September 08, 2009
भारत और वियतनाम के काली मिर्च बाजार में इस सप्ताह बहुत ही निराशाजनक शुरुआत रही।
दोनों बाजारों में मंदी का रुख रहा और एएसटीए ग्रेड की काली मिर्च की कीमतें बाजार खुलते ही पिछले सप्ताह की तुलना में 100-150 डॉलर प्रति टन गिरीं। वियतनाम में इस समय कीमतें सबसे ज्यादा हैं। भारत में एएसटीए ग्रेड की काली मिर्च के भाव 3100 रुपये प्रति टन हैं।
पिछले शुक्रवार को वियतनाम और भारत दोनों इसे 3250 रुपये प्रति टन के हिसाब से बेच रहे थे। बड़े पैमाने पर अटकलबाजी के चलते खरीदारों ने सावधानी बरती। खासकर यूरोप और यूएसए में कीमतों में 4-5 दिनों में 100-150 डॉलर प्रति क्विंटल की गिरावट की वजह से खरीदारों ने बहुत सावधानी का रुख अपनाया और खरीदारों की कम उठान के चलते इन देशों में गोदाम खाली रहे।
मांग में कमी और विदेश से जानकारी नहीं मांगे जाने के कारण काली मिर्च की वैश्विक कीमतों में अचानक बदलाव आया है। इंडोनेशिया में एएसटीए ग्रेड की काली मिर्च 2950 डॉलर प्रति टन और ब्राजील में 2850 डॉलर प्रति टन के हिसाब से उपलब्ध है।
केवल भारत और वियतनाम में कम स्टॉक के चलते कीमतों में तेजी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि वियतनाम से 1 लाख टन की लदान हुई है और स्टॉक कम है। अगली फसल जनवरी में तैयार होगी। इसलिए वियतनाम अपने स्टॉक खत्म करने की जल्दी में नहीं है और भारत की राह पर चल रहा है।
भारतीय निर्यातकों को भी समुद्रपार से मांग नहीं आ रही है। इसके चलते हाजिर बाजार में सोमवार को कीमतों में 150 डॉलर प्रति टन की कमी आई है। एक प्रमुख निर्यातक ने कहा कि कम कीमतें होने के बावजूद समुद्रपार से मांग नहीं बढ़ रही है। अभी भारत में भी सर्दियों वाली मांग शुरू नहीं हुई है। इसलिए यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसकी कीमतों में उतार चढ़ाव बना रहेगा। (बीएस हिन्दी)
09 सितंबर 2009
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