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02 सितंबर 2009

चीनी कारोबारियों को नुकसान

नई दिल्ली August 31, 2009
अगस्त माह के दौरान चीनी की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव के कारण चीनी के थोक कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
अपने उच्चतम स्तर से 3-3.50 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट के कारण चीनी कारोबारियों में घबराहट का माहौल है। क्योंकि उन्हें खरीद दाम के आसपास ही चीनी की बिक्री करनी पड़ रही है।
दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार 20 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चीनी बेचने के लिए मिलों से 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चीनी खरीदने जा रही है। कारोबारियों का यह भी कहना है कि आयातित मूल्य के मुकाबले बाजार मूल्य कम होने से निजी आयातक सफेद चीनी का आयात नहीं कर रहे हैं।
आगामी नवंबर तक सरकार ने निजी आयातकों को शुल्क मुक्त सफेद चीनी आयात करने की इजाजत दे रखी है। कारोबारियों के मुताबिक चीनी की थोक कीमत दिल्ली में 11 अगस्त तक 32-32.50 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई।
गत 31 जुलाई तक चीनी के थोक भाव 27 रुपये के आसपास थे। जो कि 4 अगस्त को 29-29.50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए। उस दिन से कीमत बढ़ती गई और एक सप्ताह तक रोजाना 20-50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी दर्ज की गयी।
चीनी के थोक कारोबारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि लगातार तेजी के रुख को देखते हुए कारोबारियों ने ज्यादा ही खरीदारी कर ली। उन्हें उम्मीद थी कि आगामी त्योहार के मद्देनजर कीमत में अभी और बढ़ोतरी होगी।
अब सरकार की सख्ती से चीनी की कीमत 32 से घटकर 29-28.50 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी है। और उन्हें खरीद कीमत या उससे थोड़े कम दाम पर ही चीनी बेचनी पड़ रही है। कारोबारियों का कहना है कि बाजार में लिवाली में गिरावट का रुख देखते हुए कीमत में तेजी के कोई आसार नहीं हैं।
दूसरी तरफ महाराष्ट्र स्टेट कोपरेटिव शुगर फैक्टरीज फेडरेशन के चेयरमैन चंद्रशेखर मारुतराव घुले पाटिल ने बताया कि गरीब परिवार के लोगों को महाराष्ट्र सरकार द्वारा 20 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चीनी बेचने का बाजार भाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान में आपूर्ति बढ़ाने के लिए चीनी मिल से 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चीनी की खरीदारी करने जा रही है। थोक कारोबारियों के मुताबिक विदेशी बाजार में भारत में चीनी की कमी को देखते हुए कीमत ने पिछले 30 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है।
ब्राजील से कच्ची चीनी का आयात करने पर बंदरगाह तक पहुंचते-पहुंचते उसकी लागत 27 रुपये प्रति किलोग्राम होती है। उत्तर प्रदेश की मिल तक लाने एवं उसे रिफाइन करने में कम से कम 5 रुपये प्रति किलोग्राम का खर्च आएगा।
इस प्रकार चीनी की लागत 32 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाएगी। थोक बाजार तक ये चीनी 33 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ जाएगी जो फिलहाल से 4-5 रुपये प्रति किलोग्राम अधिक है। (बीएस हिन्दी)

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