14 सितंबर 2009
नई फसल से पहले अरहर सस्ती होना मुश्किल
दिसंबर तक अरहर महंगी रहने की संभावना है। इसकी कीमतों में गिरावट के कोई आसार कम हैं। देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों में अरहर की नई फसल की आवक दिसंबर-जनवरी महीने में शुरू होगी। जबकि म्यांमार और अन्य उत्पादक देशों में बकाया स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा है। इसीलिए इन देशों के निर्यातकों ने भाव बढ़ाकर बोलने शुरू कर दिए हैं। जुलाई के प्रथम पखवाड़े में म्यांमार की लेमन अरहर के भाव 1,000 डॉलर प्रति टन थे जबकि इस समय भाव बढ़कर 1,350 डॉलर प्रति टन हो गए हैं। ऊंचे भाव में आयातकों द्वारा नए सौदे कम किए जा रहे हैं। मुंबई के दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बिजनेस भास्कर को बताया कि म्यांमार के पास लेमन अरहर का मात्र 18-20 हजार टन का स्टॉक बचा है जिससे निर्यातकों ने भाव बढ़ाकर 1,350 डॉलर प्रति टन (भारतीय पोर्ट पर पहुंच) कर दिए हैं। आठ जुलाई को इसके भाव 1,000 डॉलर प्रति टन थे। म्यांमार में अरहर की नई फसल जनवरी-फरवरी महीने में आएगी। देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात तथा उत्तर प्रदेश की मंडियों में नई फसल की आवक दिसंबर-जनवरी महीने में शुरू होगी। विदेशी भाव तेज होने के कारण आयातकों ने आयात सौदे पहले की तुलना में कम कर दिए हैं। बंदेवार दाल एंड बेसन मिल के डायरेक्टर सुनील बंदेवार ने बताया कि राज्य सरकारों द्वारा दलहन पर स्टॉक लिमिट लगा देने से मिलों की मांग पहले की तुलना में घटी है।घरेलू मंडियों में देसी अरहर के भाव 5,200 से 5,250 रुपये और मुंबई में आयातित अरहर के भाव 5,100 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। श्राद्ध पक्ष के कारण अरहर दाल की मांग कमजोर चल रही है लेकिन नवरात्रों के बाद मांग में बढ़ने की संभावना है। अन्य दालें मूंग और उड़द की नई आवक शुरू हो चुकी है। इसलिए अरहर दाल में मांग बढ़ने के बावजूद भावों में भारी तेजी की संभावना नहीं है। आगामी दो-तीन महीने तक भावों में सीमित घटबढ़ देखने को मिल सकती है। अकोला मंडी के दलहन व्यापारी बिजेंद्र गोयल ने बताया कि अरहर की नई फसल की आवक दिसंबर-जनवरी महीने में शुरू होगी। हाल ही में हुई वर्षा से महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में अरहर की फसल को लाभ हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा जारी तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक वर्ष 2008-09 में अरहर के उत्पादन का अनुमान 30 लाख टन से घटकर 23 लाख टन ही होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बुवाई आंकड़ों के मुताबिक अरहर की बुवाई 34.04 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 33.49 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है। वर्ष 2009-10 विपणन सीजन के लिए केंद्र सरकार ने अरहर के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 300 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 2,300 रुपये प्रति क्विंटल तय किए हैं। (बिज़नस भास्कर....र स रना)
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