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18 अगस्त 2009

कहीं सूखा तो कहीं ज्यादा वर्षा से मूंगफली उपज गिरने की आशंका

चालू खरीफ सीजन में कहीं सूखा तो कहीं अति बारिश ने इस साल मूंगफली की पैदावार को ग्रहण लगा दिया है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मूंगफली की बुवाई में 11.28 लाख हैक्टेयर की कमी आकर कुल बुवाई 36.91 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में 48.19 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। बुवाई के बाद गुजरात के जूनागढ़, पोरबंदर और जामनगर में ज्यादा बारिश होने और अन्य उत्पादक क्षेत्रों में मानसून की कमी से फसल को नुकसान हुआ है। इससे मूंगफली और मूंगफली तेल की कीमतों में तेजी की संभावना है। राजकोट स्थित मैसर्स हरजीवन मोहनजी भाई केसरिया के पार्टनर दया लाल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि मूंगफली की बुवाई में तो कमी आई ही है, साथ ही प्रमुख उत्पादक राज्यों में प्रतिकूल मौसम से प्रति हैक्टेयर उत्पादन भी घटेगा। नए सीजन में मूंगफली उत्पादन में 20 से 25 लाख टन की कमी आने की आशंका है। कृषि मंत्रालय द्वारा चौथे अग्रिम अनुमान के मुताबिक वर्ष 2008-09 में खरीफ में मूंगफली का उत्पादन 56 लाख टन टन का हुआ था। ऐसे में चालू खरीफ सीजन में उत्पादन घटकर 31 से 36 लाख टन का रहने की संभावना है। सामान्यत: देश में मूंगफली की कुल खपत करीब 50 से 55 लाख टन की होती है। इसलिए नई फसल के समय भी मूंगफली और इसके तेल की कीमतों में तेजी का रुख जारी रह सकता है। मैसर्स राजमोती इंडस्ट्रीज के मैनेजिंग डायरेक्टर समीर भाई शाह ने बताया कि मूंगफली के भाव 2,650 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि तेल के दाम 650 रुपये प्रति दस किलो हैं। नवरात्रों में मूंगफली तेल की मांग में इजाफा होने से तेजी की ही संभावना है। नवंबर-दिसंबर में इसमें मांग ज्यादा रहती है। सामान्यत: 17 लाख टन मूंगफली की पेराई की जाती है तथा करीब पांच-छह लाख का निर्यात हो जाता है। इसके अलावा सात लाख टन के करीब बुवाई में खप जाती है। बाकी की खपत खाने में हो जाती है। सेंट्रल आर्गनाईजेशन फार ऑयल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड (कोएट) के मुताबिक वर्ष 2008-09 के दौरान देश में मूंगफली तेल का उत्पादन 8.2 लाख टन रहा था जोकि 2007-08 के 11.7 लाख टन से कम था। उन्होंने बताया कि गुजरात के राजकोट, कच्छ और अमरेली में फसल ठीक है लेकिन जूनागढ़, पोरबंदर, और जामनगर में बारिश वर्षा से फसल को नुकसान हुआ है। देश में मूंगफली का सबसे ज्यादा उत्पादन गुजरात में होता है। इसके अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। (Business Bhaskar....R S Rana)

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