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01 अगस्त 2009

एफसीआई खुले बाजार में गेहूं बेचने की तैयारी में

सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) गेहूं के स्टॉक को खुले बाजार में बेचने की तैयारी कर रहा है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि ऐसा करने से धान का स्टॉक करने के लिए गोदाम खाली हो जाएंगे और गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लग सकेगी। अधिकारी के मुताबिक फिलहाल यह तय नहीं है कि कितना गेहूं बेचा जाएगा, लेकिन यह मात्रा मार्च में बेचे गए गेहूं के बराबर हो सकती है। इसी वर्ष मार्च में एफसीआई ने 20 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचा था। नाम नहीं छापने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि अंतिम फैसला अभी होना है लेकिन सरकार अक्टूबर तक नई धान की फसल आने से पहले गेहूं का स्टॉक बेचना चाहती है। चालू वित्त वर्ष में 8.06 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान है। देश भर में किसानों से सरकार ने इस वर्ष अब तक 2.52 करोड़ टन गेहूं खरीदा है। पिछले दो लगातार वर्षे में गेहूं की जबर्दस्त पैदावार और गेहूं खरीद के कारण भंडारण के लिए जगह का संकट हो गया है। पिछले कुछ समय से अच्छी फसल के बावजूद घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतें बढ़ने लगीं क्योंकि ज्यादातर गेहूं की सरकारी खरीद होने के कारण खुले बाजार में सप्लाई कम हो गई। इस वर्ष मानसून कमजोर रहने की आश्ांकाओं ने भी कीमतें बढ़ाने में भूमिका निभाई। इस सप्ताह घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतें 1,088 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई जबकि महीने की शुरूआत में कीमतें 1,051 रुपये प्रति क्विंटल ही थीं। 21 जुलाई को तो गेहूं की कीमतों ने 11,00 रुपये प्रति क्विंटल के आंकड़े को भी छुआ। रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की संयुक्त सचिव वीणा शर्मा ने कहा कि गेहूं की कीमतें तब तक बढ़ती रहेंगी, जब तक सरकार अपना स्टॉक घरेलू बाजार में नहीं बेचती। उन्होंने कहा कि स्टॉक बेचने से भंडारण की समस्या से भी निजात मिल जाएगी और कीमतों पर भी अंकुश लगेगा। (Business Bhaskar)

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