मुंबई August 04, 2009
अक्टूबर से सितंबर तक चलने वाले आगामी पेराई सत्र में गन्ने की किल्लत से निपटने के लिए चीनी बनाने वाली कंपनी सिंभावली शुगर्स (एसएसएल) ने कमर कसनी शुरू कर दी है।
अपने उत्पादन को बढ़ाने के लिए कंपनी पूर्वी उत्तर प्रदेश के चिलवाड़िया में मौजूद अपनी चीनी मिल से कच्ची चीनी के परिशोधन के काम में तेजी लाएगी। फिलहाल कंपनी 1.33 लाख टन कच्ची चीनी की खरीद कर चुकी है। इस सौदे की रकम का अभी तक कोई खुलासा नहीं किया गया है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि पेराई सत्र शुरू होने से पहले कंपनी 1.67 लाख टन कच्ची चीनी और खरीद सकती है। चालू वित्त वर्ष में कंपनी योजना 3 लाख कच्ची चीनी के परिशोधन की है। कंपनी की इस कवायद से जहां देश में चीनी की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी वहीं कंपनी भी अपनी मिलों की पूरी क्षमता का फायदा उठा पाएगी।
कंपनी के कारोबार में चीनी सबसे प्रमुख है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी ने चीनी के जरिये 194.90 करोड़ रुपये का कारोबार किया जो इसके कुल कारोबार का 83 फीसदी बैठता है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में कंपनी के कुल कारोबार में चीनी का हिस्सा 63 फीसदी रहा था। कंपनी को आने वाले वक्त में गन्ने की किल्लत की आशंका सता रही है।
इसकी वजह भी यह है कि 31 जुलाई तक पिछले साल की तुलना में गन्ने के रकबे में 2.95 फीसदी की कमी आई है। मॉनसून में हुई देरी ने भी कंपनी की चिंता बढ़ाई हैं। वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान देश में चीनी के उत्पादन में काफी कमी आई थी। चालू वित्त वर्ष के दौरान इसमें और कमी आने की आशंका जताई जा रही है।
देश में चीनी की सालाना खपत 2.25 करोड़ टन की है लेकिन चालू वित्त वर्ष में चीनी का उत्पादन 1.7 लाख टन रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। चीनी की कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं। महंगाई को मापने वाले थोक मूल्य सूचकांक में भी चीनी का अच्छा खासा वजन है।
इस बात को ध्यान में रखते हुए ही सरकार ने 1 अगस्त तक शुल्क मुक्त चीनी के आयात को मंजूरी दी थी। लेकिन इससे बात न बनते देख सरकार ने इसकी मियाद को 31 मार्च 2010 तक बढ़ा दिया है।
एसएसएल के कार्यकारी निदेशक जी. एस. सी. राव कहते हैं, 'चीनी की किल्लत की आशंका से निपटने के लिए कच्ची चीनी के परिशोधन से मांग पूरी करने का रास्ता अपनाने वाली सिंभावली कुछ पहली कंपनियों में से एक है।'
गन्ने की किल्लत से निपटने के लिए चीनी बनाने वाली कंपनी सिंभावली शुगर्स ने कसी कमर फिलहाल कंपनी कर चुकी है 1.33 लाख टन कच्ची चीनी की खरीद अनुमान है कि पेराई सत्र शुरू होने से पहले खरीद सकती है 1.67 लाख टन और कच्ची चीनी (BS Hindi)
05 अगस्त 2009
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