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05 अगस्त 2009

बढ़ रही हैं काली मिर्च की कीमतें

कोच्चि August 04, 2009
वैश्विक बाजार में काली मिर्च की आपूर्ति में कमी होने की वजह से चालू सप्ताह कीमतों में उछाल के साथ शुरू हुआ।
ब्राजील में फसलों की कटाई शुरू हो गई है। इसके बावजूद वैश्विक बाजार में काली मिर्च की आपूर्ति कम से कम अगले 8-12 सप्ताह तक सुधरने की उम्मीद नहीं है। दिलचस्प है कि वियतनाम में काली मिर्च की कीमतें, लगभग भारत में कीमतों के बराबर ही रहीं, जो 2800 डॉलर प्रति टन के करीब हैं।
भारत में इसकी कीमतें 2850 डॉलर प्रति टन हैं। पिछले कुछ सप्ताह से वियतनाम, भारत की तुलना में 200-250 डॉलर प्रति टन कम दाम पर काली मिर्च की बिक्री कर रहा था। वियतनाम और इंडोनेशिया में काली मिर्च की कीमतों में सुधार आया है और यह उम्मीद से कहीं ज्यादा है।
जब से उम्मीद की जा रही है कि एएसटीए ग्रेड काली मिर्च की कीमतें 3000 डॉलर प्रति टन को पार कर जाएंगी, कीमतों में बहुत बढ़ोतरी हुई है। इंडोनेशिया ने 2600 डॉलर प्रति टन कीमतें लगाई हैं और वह नई फसल को बेचने की जल्दी में नहीं है। इसे देखते हुए काली मिर्च के वैश्विक बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
कीमतों में तेज बढ़ोतरी के चलते यूरोपियन यूनियन और अमेरिका के खरीदार, खरीदारी को मंद करने के लिए विवश हुए हैं। वियतनाम पीपर एसोसिएशन (वीपीए) ने अनुमान लगाया है कि आपूर्ति में कमी होने की वजह से काली मिर्च की कीमतें इस साल के अंत तक 5,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच सकती हैं।
वियतनाम में 2008-09 की फसल की मड़ाई का काम पूरा हो चुका है। वहां पर 95,000 टन काली मिर्च का उत्पादन हुआ है, जो पिछले साल की तुलना में 4,000 टन या 4.4 प्रतिशत ज्यादा है।
सभी जानकार सूत्रों ने यह अनुमान लगाया है कि काली मिर्च की आपूर्ति में कमी आएगी। इसकी प्रमुख वजह यह है कि मौसम की मार के चलते इंडोनेशिया में काली मिर्च के उत्पादन में कमी आई है। वहीं ब्राजील में भी उत्पादन में कमी की उम्मीद की जा रही है।
कृषि और ग्रामीण विकास विभाग के मुताबिक, वियतनाम ने साल के पहले छह महीनों में 65,000 टन काली मिर्च का निर्यात किया है। इससे उसका कारोबार 1490 लाख डॉलर का हो गया है। मात्रा के आधार पर 37.22 प्रतिशत की बढ़ोतरी पिछले साल की तुलना में हुई है। (BS Hindi)

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