कुल पेज दृश्य

01 अगस्त 2009

विदेशी चीनी से आएगी दीवाली में मिठास

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। दाल की चढ़ी त्योरियों के उतरने से पहले ही चीनी की कड़वाहट भांपकर सरकार ने इसके आयात के रास्ते खोल दिए हैं। यानी, इस बार की दिवाली में विदेशी चीनी की मिठास होगी। चीनी आयात की शर्तो में ढील देते हुए सरकार ने समयसीमा में वृद्धि की घोषणा की है। केंद्रीय खाद्य व कृषि मंत्री शरद पवार ने चीनी आयात पर राज्यसभा में एक बयान में यह जानकारी दी।
सरकार ने मान लिया है कि देश में चीनी उत्पादन में भारी गिरावट आई है, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं। खाद्य मंत्री पवार ने कहा कि प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ने की पैदावार घट सकती है। इससे आने वाले दिनों में चीनी का बाजार गरमा सकता है। सरकार ने इस आशंका को समय से भांपकर ही यह फैसला लिया है। घरेलू बाजार में चीनी की आपूर्ति बनाए रखने के लिए सरकार ने शुक्रवार को निर्यात बाध्यता की शर्त को खत्म कर चीनी के कर-मुक्त आयात की छूट दे दी। चीनी आयात की यह अनुमति अगले आठ महीने के लिए दी गई है।
सरकार ने निजी कंपनियों को भी चीनी आयात की छूट दी है, जो रिफाइन शुगर [तैयार चीनी] का कर मुक्त आयात कर सकती हैं। यह छूट अब तक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों एसटीसी, एमएमटीसी और पीईसी को प्राप्त थी। पवार ने राज्यसभा में चीनी के शुल्क मुक्त आयात की समयसीमा 30 नवंबर 2009 तक बढ़ाने की घोषणा की, जो एक अगस्त को समाप्त हो रही थी।
खुली लाइसेंस व्यवस्था [ओजीएल] के तहत सरकार ने कच्ची चीनी [रा शुगर] का आयात की समयसीमा एक अगस्त 2009 तक के लिए की थी, जिसे बढ़ाकर अब मार्च 2010 तक कर दिया गया है। ओजीएल में आयात की गई चीनी के साथ निर्यात की शर्त नहीं होती है। पवार को पूरा यकीन है कि आयात की इस घोषणा के बाद घरेलू बाजार में चीनी के दाम नहीं बढ़ेंगे।
बाजार में चीनी के मूल्य पर काबू पाने के मकसद से सरकार ने अगस्त महीने की खपत के लिए 13.77 लाख टन के मुकाबले गुरुवार को ही खुले बाजार में 16.50 लाख टन चीनी जारी की। जबकि राशन की दुकानों के लिए 1.85 लाख टन चीनी जारी की गई है। (Jagran)

कोई टिप्पणी नहीं: