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06 अगस्त 2009

हल्दी वायदा पर स्पेशल मार्जिन दस से बढ़कर बीस फीसदी

हल्की वायदा में आ रही भारी तेजी थामने के लिए नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) स्पेशल मार्जिन और बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। एक्सचेंज ने हल्दी के वायदा कारोबार पर 20 फीसदी मार्जिन लगाने का फैसला किया है। यह मार्जिन 6 अगस्त से प्रभावी होगी। एनसीडीईएक्स में हल्दी बेंचमार्क अगस्त वायदा जुलाई से लेकर अब तक 40 फीसदी तक बढ़ चुका है। तेजी को उत्पादक इलाकों में हल्दी के स्टॉक में कमी और बढ़ती मांग से बढ़ावा मिल रहा है।विश्लेषकों व व्यापारियों के मुताबिक 1 जुलाई से शुरू हुए फसल वर्ष के शुरू में हल्दी का पिछला स्टॉक सिर्फ पांच लाख बोरी (एक बोरी 70 किलो) बचने का अनुमान है। यह स्टॉक बीते साल की तुलना में तीन लाख होकी कम है। बीते साल में आठ लाख बोरी का स्टॉक था। एनसीडीईएक्स ने सट्टेबाजी रोकने के लिए पिछले अप्रैल में हल्दी वायदा पर पांच फीसदी विशेष मार्जिन लगाया था। इसके बाद पिछले तीन अगस्त को इस मार्जिन को बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया गया। इसके बावजूद हल्दी की कीमत में स्थिरता नहीं आ पाई है। बीते हफ्ते अधिकारियों ने कहा था कि अगले दो-तीन महीनों में हल्दी के वायदा व हाजिर बाजार में भाव 10 से 15 फीसदी बढ़ने की संभावना है। इन अधिकारियों का यह भी मानना था कि आवक की कमी और ऊंची स्थानीय मांग के कारण ऐसा संभव हो सकता है। कई व्यापारियों का मानना है कि कमजोर मॉनसून का प्रभाव हल्दी के उत्पादन पर पड़ेगा पर इसके उत्पादन के आंकड़े के संबंध में आकलन करना जल्दबाजी होगी। उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2008-09 में देश का हल्दी उत्पादन तकरीबन 43 लाख बोरी रहा था। यह बीते साल की तुलना में 4.4 फीसदी कम था। दुनियाभर में हल्दी का तकरीबन 75 फीसदी उत्पादन भारत करता है। उधर वायदा व्यापार आयोग (एफएमसी) के चेयरमैन बी. सी. खटुआ ने कहा कि देश में अभी हल्दी के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है। हल्दी के वायदा व हाजिर भाव में बढ़ोतरी उत्पादन घटने की संभावना से दर्ज की जा रही है। हल्दी का वायदा कारोबार रोकने से तेजी थामने में कोई मदद मिलने की उन्हें उम्मीद नहीं है। (Business Bhaskar)

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