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06 अगस्त 2009

पिछले दो माह में आयातित 3.37 लाख टन मटर बाजार में जल्द

जून और जुलाई महीने में देश में 3.37 लाख टन पीली मटर का आयात किया गया। इसमें सरकारी कंपनियों ने करीब 2.22 लाख टन का आयात किया है जबकि बाकी 1.15 लाख टन का आयात प्राइवेट कंपनियों द्वारा किया गया है। इसकी सप्लाई जल्दी ही घरेलू बाजार में शुरू हो जाएगी। भारतीय दलहन आयातक संघ के अध्यक्ष के. सी. भरतिया ने बताया कि घरेलू बाजार में सप्लाई सुगम बनाने के लिए आगामी तीन महीनों में लगभग चार लाख टन दलहन का आयात हो सकता है।हाल ही में अन्य दलहनों के भावों में आई तेजी का असर मटर की कीमतों पर भी पड़ा है। जुलाई महीने में कनाडा की मटर की कीमतों में करीब 11.2 फीसदी की तेजी आकर मुंबई पहुंच भाव 1580 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि अमेरिका की मटर में इस दौरान 10 फीसदी की तेजी आकर भाव 1625 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। जलगांव के दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बताया कि घरेलू मटर के दाम कानपुर मिल डिलीवरी इस दौरान 1670 रुपये से बढ़कर 1825 रुपये प्रति क्विंटल हो गये। इस समय यूक्रेन की मटर के भाव 305-309 डॉलर प्रति टन और कनाडा की मटर के भाव 340 डॉलर प्रति टन (भारतीय बंदरगाह पर पहुंच) चल रहे हैं। कनाडा में मटर की नई फसल की आवक चालू महीने के मध्य तक शुरू होने की संभावना है। कनाडा में नई फसल का उत्पादन तीन लाख टन होने की संभावना है जबकि पिछले साल 3.5 लाख टन का उत्पादन हुआ था। भारतीय दलहन आयातक संघ के मुताबिक जून-जुलाई में जो मटर आई है, इसमें करीब 1.82 लाख मटर का आयात मुंबई बंदरगाह पर, 66 हजार टन का कोलकाता बंदरगाह पर, 89 हजार टन का तूतीकोरन बंदरगाह पर, 28 हजार टन काकीनाड़ा और आठ हजार टन का आयात विजाग बंदरगाह पर हुआ है। इसकी सप्लाई जल्दी ही घरेलू बाजार में शुरू हो जाएगी। तथा इसमें ज्यादातर मटर कनाडा से आयात की गई है। भरतिया के बताया कि घरेलू बाजारों में सप्लाई सुगम करने के लिए आगामी तीन महीने में लगभग चार लाख टन दलहन का आयात किया जाएगा। इसमें करीब 2.5 लाख टन प्राइवेट कंपनियों द्वारा और 1.5 लाख टन सरकारी एजेंसियों एमएमटीसी, एसटीसी, पीईसी और नाफेड द्वारा किया जाएगा।भरतिया ने बताया कि भारत को हर साल करीब 25 से 30 लाख टन दालों का आयात करना पड़ा है। इसमें सबसे ज्यादा मटर का आयात होता है। वर्ष 2008-09 में सरकारी कंपनियों ने कुल 10.25 लाख टन दालों का आयात किया था इसमें सात लाख टन से ज्यादा मटर का आयात किया गया था। कृषि मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू बुवाई सीजन में दलहन की बुवाई में करीब साढ़े छह हैक्टयेर की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2008-09 में प्रतिकूल मौसम से दालों के उत्पादन में कमी आई थी। जिससे भावों में तेजी बनी हुई है। (Business Bhaskar...R S Rana)

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