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07 अगस्त 2009

मंत्री नदारद, सो लटका रबर विधेयक

नई दिल्ली August 06, 2009
उद्योग और वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा इस समय संयुक्त आर्थिक सहयोग समझौते की बैठक में दक्षिण कोरिया में व्यस्त है।
उनके सहायक ज्योतिरादित्य सिंधिया कार्यालय के काम से इंडोनेशिया गए हैं। इन दो मंत्रियों की अनुपस्थिति में आज लोकसभा में रबर विधेयक पारित करने के मसले पर संप्रग सरकार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।
विपक्षी दलों की तत्परता के चलते संप्रग के संसद प्रबंधकों को यह घोषणा करनी पड़ी कि यह विधेयक शीतकालीन सत्र में फिर से लाया जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में रबर एक्ट 1947 में संशोधन और रबर (संशोधन) विधेयक 2009 की संस्तुति की थी।
इस संशोधन में छोटे उत्पादकों की परिभाषा में बदलाव किया गया था और जनरल फंड तथा पूल फंड के बदले रबर विकास फंड गठित करने की बात कही गई थी। विधेयक में प्रस्ताव किया गया था कि उन किसानों को छोटे किसानों का दर्जा दिया जाएगा, जिनके पास 10 एकड़ से ज्यादा जमीन नहीं है। वर्तमान नियम में यह सीमा 50 एकड़ की है।
गुरुवार को जब दोपहर बाद विधेयक को पारित किए जाने पर जब लोकसभा में बहस शुरू हुई तो भाजपा के सदस्यों ने कहा कि उद्योग और वाणिज्य विभाग के दोनों मंत्री नदारद हैं। लोकसभा के नेता प्रणब मुखर्जी इस मसले पर बीच बचाव करने आए, लेकिन विपक्षी दल के सदस्यों ने इस विधेयक पर किसी तरह की चर्चा करने से मना कर दिया। बाद में फैसला किया कि इस विधेयक को शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने यह कहते हुए हस्तक्षेप की कोशिश की कि ऐसे दो मौके आए हैं, जब संबंधित विभाग के मंत्री की अनुपस्थिति में विधेयक पारित हुए हैं, विधेयक में किसानों के फायदे के लिए मामूली बदलाव किया गया है। लेकिन भाजपा की उपनेता सुषमा स्वराज ने कहा कि अगर पहले विपक्ष सचेत नहीं था तो इसका मतलब यह नहीं है कि अब भी विपक्ष चुप बैठा रहे। (BS Hindi)

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