03 अगस्त 2009
ग्वार में दिख रहे तेजी के आसार
जून -जुलाई में मौसम की बेरुखी की वजह से किसानों ने कुछ रुख दूसरी फसलों की ओर कर दिया है। इससे चालू सीजन में ग्वार के बुवाई रकबा में कमी आने के आसार हैं। वैसे तो चालू हफ्ते के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान और हरियाणा में अच्छी बारिश हुई है। और इससे बोई जा चुकी फसल को फायदा भी हुआ है। ग्वार की बुवाई अगस्त के मध्य तक की जा सकती है। ऐसे में उत्पादक राज्यों में एकाध और बारिश हो गई तो बुवाई क्षेत्रफल में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है।कम हो रही है बुवाई जानकारों के मुताबिक अभी तक के मौसम को देखते हुए चालू बुवाई सीजन में ग्वार की बुवाई गत वर्ष के मुकाबले करीब 25 से 30 फीसदी कम रहने के आसार हैं। उत्पादन में कमी आने की आशंका से पिछले दो दिनों में ग्वार के हाजिर भाव में करीब आठ फीसदी और ग्वार गम के भावों में 3.2 फीसदी की तेजी आ चुकी है। हाजिर बाजार में आई तेजी के असर से वायदा बाजार में भी इस दौरान ग्वार और ग्वार गम के भावों में क्रमश: चार और तीन फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।वायदा बाजार में बढ़तनेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में पिछले दो दिनों में करीब तीन फीसदी की तेजी आकर भाव 2144 रुपये प्रति क्विंटल हो गये। 29 जुलाई को इसके भाव 2081 रुपये प्रति क्विंटल थे। सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में 203,380 लॉट के सौदे खड़े हुए है। इसी तरह से निवेशकों की खरीद बढ़ने से ग्वार गम के सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में भी पिछले दो दिनों में चार फीसदी की तेजी आकर भाव 4846 रुपये प्रति क्विंटल हो गये। सितंबर महीने के ग्वार गम वायदा अनुबंध में 31,915 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं।हाजिर बाजार में तेजीजोधपुर स्थित मैसर्स वसुंधरा ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर मोहन लाल ने बताया कि चालू सप्ताह के शुरू में उत्पादक राज्यों में बारिश होने से ग्वार और ग्वार गम के हाजिर भाव घट गये थे, लेकिन घटे भावों में स्टॉकिस्टों की बिकवाली आने से फिर तेजी बन गई है। पिछले दो दिनों में ग्वार के हाजिर भावों में करीब आठ फीसदी की तेजी आकर जोधपुर प्लांट डिलीवरी भाव बढ़कर 2160 रुपये प्रति क्विंटल हो गये। इस दौरान ग्वार गम के भावों में 3.2 फीसदी की तेजी आकर भाव 4750 रुपये प्रति क्विंटल हो गये। बुवाई में भारी कमी आने की आशंका के कारण ही स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आ रही है जबकि ग्वार गम के अगाऊ निर्यात सौदे होने के कारण प्लांटों को भाव बढ़ाकर ग्वार की खरीद करनी पड़ रही है। इसलिए मौजूदा कीमतों में और भी तेजी की संभावना है। ग्वार चूरी के भाव 830 रुपये और कोरमा के 980-985 रुपये प्रति 75 किलो चल रहे हैं। देश में ग्वार का उत्पादन मुख्यत: राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश में होता है।बारिश का असर भारतीय ग्वार गम मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जीवन गांधी ने बताया कि उत्तर भारत के प्रमुख ग्वार उत्पादक राज्यों राजस्थान और हरियाणा में जून-जुलाई में बारिश सामान्य से काफी कम हुई है। इससे किसानों ने ग्वार के मुकाबले अन्य फसलों की बुवाई को प्राथमिकता दी है। केंद्र सरकार द्वारा कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भारी इजाफा किया गया था, जबकि पिछले एक महीने से दालों की कीमतों में भारी तेजी बनी हुई है। ऐसे में किसानों ने ग्वार के बजाय कपास व दलहन की बुवाई को तरजीह दी है। हालांकि ग्वार की बुवाई अगस्त के मध्य तक चलेगी। लेकिन किसानों का रुझान अन्य फसलों की तरफ होने के कारण आगामी दिनों में मानसून सामान्य रहा तो भी ग्वार की बुवाई में करीब 25 से 30 फीसदी की कमी आने की आशंका है।स्टॉक का हाल गांधी ने बताया कि इस समय ग्वार गम का करीब एक लाख टन और ग्वार का करीब 30 से 35 लाख बोरी का स्टॉक बचा हुआ है। पिछले साल ग्वार का उत्पादन 90 से 95 लाख बोरी का हुआ था। हालांकि इस समय ग्वार गम की निर्यात मांग कमजोर है लेकिन बुवाई में कमी की आशंका से स्टॉकिस्टों की सक्रियता बनी हुई है, जिससे तेजी को बल मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ग्वार गम के भाव बढ़कर 980-985 डॉलर प्रति टन हो गये हैं। पिछले दो महीने में इसमें करीब 200 डॉलर प्रति टन की तेजी आ चुकी है।ग्वार गम का निर्यातकृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2008-09 के पहले दस महीनों के दौरान देश से ग्वार गम का 2.16 लाख टन का निर्यात हुआ है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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