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07 अगस्त 2009

चीनी आपूर्ति में 20 फीसदी कमी

नई दिल्ली August 06, 2009
थोक बाजार में गुरुवार को उम्दा क्वालिटी की चीनी 2900 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गई है। थोक बाजार में मांग के मुकाबले 80 फीसदी से भी कम आपूर्ति की जा रही है।
व्यापारी चीनी मिलों से आपूर्ति बाधित होने की शिकायत कर रहे हैं। वहीं कई राज्यों में चीनी के लिए तय स्टॉक सीमा की शर्त लागू नहीं होने से चीनी की जमाखोरी होने की आशंका जाहिर की जा रही है।
उम्दा चीनी की कीमत गुरुवार को 2900 रुपये प्रति क्विंटल हो चुकी है। गत सोमवार को चीनी की कीमत में 300 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा दर्ज किया गया था। दिल्ली स्थित चीनी के थोक व्यापारियों ने बताया कि कोल्हापुर से लेकर उत्तर प्रदेश तक, सभी जगहों पर चीनी की कमी बतायी जा रही है।
अगस्त की पहली तारीख से ही चीनी की आपूर्ति रुक-रुक कर की जा रही है। कारोबारियों के मुताबिक अमूमन हर महीने के आखिरी सप्ताह से अगले माह के कोटे की चीनी जारी करने का काम शुरू हो जाता है। कोटा का निर्धारण सरकार करती है तो चीनी जारी का काम मिल वाले।
अगस्त के लिए सरकार ने 16 लाख टन चीनी जारी करने का आदेश दिया है। जो कि घरेलू मासिक खपत के मुकाबले तकरीबन 2.25-2.50 लाख टन कम है। 22-23 जुलाई से इस कोटे के तहत बाजार में चीनी उपलब्ध कराने का काम शुरू हो जाना चाहिए था। चीनी के एक व्यापारी नाम नहीं छापने की शर्त पर कहते हैं, '31 जुलाई यानी कि गत शुक्रवार तक अगस्त के लिए कोई चीनी जारी नहीं की गयी।
1 अगस्त शनिवार था उस दिन छुट्टी जैसा माहौल होता है, 2 अगस्त रविवार था। उस दिन भी कुछ नहीं हुआ। और 3 अगस्त को आपूर्ति के अभाव में कीमत 2500 से उछलकर 2800 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी।'
चीनी के थोक कारोबारी सुरेश गुप्ता कहते हैं, 'त्योहारी मौसम है। चीनी की मांग बढ़ गयी है लेकिन चीनी की वकाई कमी दिख रही है। अब भी बेबाक आपूर्ति नहीं हो रही है। हमें काफी सीमित मात्रा में चीनी मिल रही है। पिछले माह के मुकाबले बिल्कुल आधी।'
कारोबारी यह भी कह रहे हैं कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश जैसी जगहों पर चीनी की कोई स्टॉक सीमा लागू नहीं है। लिहाजा इन जगहों पर चीनी को स्टॉक करने का काम जारी है। कारोबारी दबी जुबान से यह भी कह रहे हैं कि पिछले साल जुलाई माह के दौरान वर्ष 2008-09 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए चीनी के उत्पादन में कमी आने का खुलासा हो गया था।
फिर भी सरकार रियायत देकर चीनी का निर्यात करवाती रही। सोमवार से चीनी को लेकर पूरा बाजार संशय में है। कारोबारी विक्की गुप्ता कहते हैं, 'सरकार को अविलंब हस्तक्षेप करके चीनी की आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।'
गौरतलब है कि वर्ष 2008-09 के लिए कुल 150 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। सरकार के पास पिछले साल 40-50 टन का पुराना स्टॉक है, जबकि घरेलू खपत करीब 225 लाख टन है। अगस्त माह के लिए मात्र 16 लाख टन चीनी जारी की गई है, जबकि खपत करीब 19 लाख टन है।
चीनी संकट
2900 रुपये प्रति टन पर पहुंची उम्दा चीनीथोक बाजार में मांग के मुकाबले 80 फीसदी से भी कम की आपूर्तिकई राज्यों में चीनी के लिए स्टॉक सीमा तय नहीं होने से जमाखोरी की आशंकामहाराष्ट्र के कोल्हापुर से लेकर उत्तर प्रदेश तक हर जगह चीनी का संकट (BS Hindi)

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