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22 अक्तूबर 2009

दिवाली के बाद खाद्य तेलों में अब और नरमी के आसार

नई दिल्ली : पिछले साल के मुकाबले करीब 20 से 25 फीसदी नीचे चल रही खाद्य तेलों की कीमतों में आने वाले कुछ दिनों में और नरमी के आसार बन रहे हैं। विदेश से हो रहे जबरदस्त आयात की वजह से घरेलू बाजार में इस साल खाद्य तेलों की कीमतें निचले स्तर पर बनी हुई हैं। यहां तक कि दिवाली पर मांग में आई तेजी से भी तेलों की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हो सकी और शादी-विवाह के सीजन में भी भाव में तेजी आने की गुंजाइश नहीं दिख रही है। दिल्ली वेजिटेबल ऑयल्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता के मुताबिक, 'दिवाली के बाद अगले कुछ दिनों में मांग में गिरावट आती है। इस वजह से शादियों के शुरू होने तक खाद्य तेलों की कीमतों में चार-पांच रुपए की गिरावट आ सकती है। शादियों का सीजन शुरू होने जा रहा है। ऐसे में मांग में कुछ तेजी जरूर पैदा होगी, हालांकि भरपूर सप्लाई होने की वजह से कीमतों के मौजूदा स्तर पर ही रहने की उम्मीद है।'
इस वक्त दिल्ली में हर महीने करीब 25,000 टन खाद्य तेल की आवक हो रही है। कारोबारियों के मुताबिक तिलहन की नई फसल बाजार में आनी शुरू हो चुकी है। इससे आने वाले दिनों में बाजार में खाद्य तेलों की भरपूर मात्रा मौजूद रहेगी। वेजिटेबल ऑयल के दिल्ली के एक कारोबारी के मुताबिक, 'दिवाली के खत्म होने के बाद दो दिनों में ही खाद्य तेलों में पांच से छह रुपए प्रति किलो की कमी आ चुकी है। तिलहन की फसलें तैयार हैं और बाजार में मांग के कम होने और सप्लाई बढ़ने से कीमतों में तीन से चार रुपए और कमी हो सकती है।' खाद्य तेलों के बारे में कोटक सिक्योरिटी ने अपनी हालिया जारी की गई रिपोर्ट में कहा है कि रिफाइंड सोयाबीन ऑयल के नवंबर वायदा में स्थिरता के साथ निकट अवधि में गिरावट के संकेत दिखाई दे रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक रिफाइंड सोयाबीन तेल का नवंबर वायदा 435 रुपए प्रति 10 किलो और इसके बाद 430 रुपए प्रति 10 किलो के स्तर पर भी पहुंच सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिवाली के खत्म होने के साथ ही शादियों के सीजन तक मांग में कमी रहने की आशंका है। कारोबारियों के मुताबिक दिवाली के दौरान हर साल खाद्य तेलों की मांग में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी होती है। राजधानी वेजिटेबल ऑयल सप्लायर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सत्यनारायण अग्रवाल के मुताबिक, 'दिवाली के बाद भले ही शादियों का सीजन शुरू होना है, लेकिन इसके साथ ही बाजार में खाद्य तेलों की आवक भी बढ़नी है। इसके अलावा दिल्ली में शादियों के सीजन में खाद्य तेलों की मांग में पांच से सात फीसदी का ही इजाफा होता है। ऐसे में बाजार में मौजूद स्टॉक पर्याप्त है और कीमतें कम से कम इस स्तर पर बनी रहेंगी।' पिछले साल नवंबर से इस साल सितंबर तक देश में 70 लाख टन से ज्यादा खाद्य तेलों का आयात हो चुका है। इस साल सितंबर में ही करीब आठ लाख टन तेल आयात हुआ है जो सामान्य से करीब दो लाख टन ज्यादा है। इस वक्त रिफाइंड सोयाबीन ऑयल इंदौर की कीमत 435 रुपए प्रति 10 किलो से लेकर 440 रुपए बनी हुई है। इसी तरह से मस्टर्ड तेल दादरी की कीमत 520 रुपए से 530 रुपए और क्रूड पाम ऑयल कांडला की कीमत 315-320 रुपए प्रति 10 किलो पर है। कॉटनसीड ऑयल हरियाणा की कीमत भी 390 रुपए प्रति 10 किलो के स्तर पर बनी हुई है। (ई टी हिन्दी)

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