अहमदाबाद June 03, 2010
घरेलू बाजार में मक्के की कीमतों में 10 प्रतिशत की तेजी आई है। इसकी वजह से मक्के के स्टार्च की कीमतों में भी पिछले 2 सप्ताह के दौरान तेजी आई है। मक्का खरीद सत्र खत्म होने को है, ऐसे में बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में स्टार्च की कीमतों में तेजी का रुख बना रहेगा।स्टार्च बनाने में ज्यादातर कच्चे माल के रूप में मक्के का प्रयोग होता है, जिसकी कीमतों में तेजी है। इसके असर से स्टार्च की कीमतें पिछले 10-15 दिनों में कम से कम 50 रुपये प्रति 50 किलो तेज हो गई हैं। मुंबई स्थित सहयाद्रि स्टार्च के प्रबंध निदेशक विशाल मजीठिया ने कहा, 'स्टार्च की कीमतें पिछले एक पखवाड़े के दौरान 900 रुपये प्रति 50 किलो से बढ़कर 950 रुपये प्रति 50 किलो हो गई हैं।उद्योग के जानकारों के मुताबिक हाल के दिनों में स्टार्च की कीमतों में आई तेजी में प्रमुख भूमिका मक्के की बढ़ती कीमतों ने निभाई है। मक्के की खरीद का सीजन खत्म होने को है और नई फसल की बुआई मॉनसून आने के बाद शुरू होगी। बहरहाल अभी भी मक्के की मांग बेहतर है, जबकि 2009-10 में इसके पहले साल की तुलना में उत्पादन कम हुआ है। संतोष स्टार्च लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गौतम चौधरी ने कहा- मक्के का सीजन अब खत्म होने को है और इसकी बाजार में आवक कमजोर पड़ गई है। इसकी वजह से मक्के की कीमतों में करीब 7 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है। महाराष्ट्र में मक्के की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है और इसके दाम अब 1000-1050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। वहीं गुजरात में मक्के के दाम 1030-1035 रुपये प्रति क्विंटल के उच्च स्तर पर हैं। मक्के की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में होती है। उद्योग जगत के आंकड़ों के मुताबिक इस साल खरीफ सीजन के मक्के का उत्पादन 2009-10 में 125 लाख टन रहने की उम्मीद है, जबकि 2008-09 के खरीफ सत्र में 140 लाख टन मक्के की पैदावार हुई थी। वहीं रबी सत्र में 46।8 लाख टन मक्के का उत्पादन हुआ, जबकि इसके पहले साल में 56 लाख टन उत्पादन हुआ था। (बीएस हिंदी)
04 जून 2010
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