नई दिल्ली June 17, 2010
काजू निर्यात में बढ़ोतरी जारी है। मई में अप्रैल के मुकाबले काजू निर्यात में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि पिछले साल मई के मुकाबले इसमें हल्की गिरावट आई है।
भारतीय काजू निर्यात प्रोत्साहन समिति (सीईपीसीआई) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मई के दौरान 234.19 करोड़ रुपये मूल्य के 8,746 टन काजू का निर्यात हुआ, अप्रैल महीने में 209 करोड़ रुपये मूल्य के 7,802 टन काजू का निर्यात हुआ था।
वहीं पिछले साल मई के दौरान 8,835 टन काजू निर्यात हुआ था। इस तरह इसमें एक फीसदी की मामूली गिरावट आई है। वहीं चालू वित्त वर्ष के पहले दो माह के दौरान 16,548 टन काजू निर्यात हुआ है।
सीईपीसीआई के सचिव शशि वर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि आर्थिक हालात बेहतर होने से काजू आयात करने वाले देशों से मांग बढ़ रही है, जिससे काजू के निर्यात में इजाफा हुआ है। उनका कहना है कि भारतीय काजू का सबसे अधिक निर्यात अमेरिका और ब्रिटेन को किया जाता है।
वर्मा का कहना है कि सीईपीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया के काजू उद्योग से बात की है। वहां के काजू उद्योग ने भारतीय काजू में रुचि दिखाई है। ऐसे में आगे ऑस्टे्रलिया में भी काजू निर्यात की संभावनाएं है। समिति कजाकिस्तान और रूस में भी काजू निर्यात की संभावनाएं तलाश रही है। उधर, हाल में यूरोप में आए आर्थिक संकट का काजू निर्यात पर आगे असर पड़ सकता है।
वर्मा के मुताबिक यूरोप में आर्थिक संकट की वजह से ब्रिटेन की ओर मांग में हल्की गिरावट आ सकती हैं, लेकिन अमेरिका सहित अन्य देशों की मांग से इस वित्त वर्ष में कुल काजू निर्यात अधिक रहने की उम्मीद है। देश में काजू का उत्पादन कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, उड़ीसा और तमिलनाडु में किया जाता है। गोवा का काजू सबसे बेहतर माना जाता है। (बीएस हिंदी)
17 जून 2010
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