अहमदाबाद June 24, 2010
उद्योग जगत भले ही उम्मीद कर रहा है कि इस साल कपास का रकबा बढ़ेगा, लेकिन उत्तर भारत में सिंचाई के लिए जल संकट ने बुआई का रकबा घटा दिया है।
राजस्थान और हरियाणा में बुआई का रकबा कम हुआ है, वहीं पंजाब में कपास के रकबे में महज 29000 हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। नॉर्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर भारत के इन तीन राज्यों में कपास की बुआई का रकबा अब तक 13.05 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल की समान अवधि में हुई बुआई की तुलना में 1.42 लाख हेक्टेयर कम है।
2009-10 में इस अवधि में 14.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में कपास की बुआई हुई थी। इन तीन राज्यों में कपास की खेती सिंचाई पर निर्भर है। कपास की बुआई अप्रैल के मध्य में शुरू होती है और जून के दूसरे सप्ताह तक ज्यादातर हिस्सों में बुआई का काम पूरा हो जाता है।
हरियाणा और राजस्थान में कपास की बुआई का रकबा खरीफ 2010 में गिरकर क्रमश: 4.50 लाख हेक्टेयर और 3.30 लाख हेक्टेयर रह गया है, जबकि 2009 के खरीफ सत्र में बुआई का रकबा क्रमश: 5.07 लाख हेक्टेयर और 4.44 लाख हेक्टेयर था।
वहीं दूसरी ओर पंजाब में कपास के रकबे में 29000 हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है और 2009 के 4.96 लाख हेक्टेयर की तुलना में खरीफ 2010 में बुआई का रकबा बढ़कर 5.25 लाख हेक्टेयर हो गया है।
नॉर्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने कहा, 'नहरों में पानी न होने की वजह से उत्तर भारत में कपास की बुआई के क्षेत्रफल में कमी आई है। खासकर हरियाणा और राजस्थान में इसका असर ज्यादा है।' इसके पहले कपास संगठन ने कपास के रकबे में 5-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया था।
हालांकि कपास संगठन का कहना है कि उत्तर भारत में चल रही गर्म हवाओं का असर कपास के उन पौधों पर नहीं पड़ेगा, जिनकी बुआई जून के पहले हुई है। चालू माह के पहले दो सप्ताह में बहुत कम बुआई हुई है, जिन पर गर्मी का असर हो सकता है। बुआई के रकबे में कमी को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तर भारत में कपास का उत्पादन गिरकर 27-35 लाख गांठ (1 गांठ 170 किलो की) रह सकता है। इसके पहले कपास वर्ष में 40 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ था।
बहरहाल कपास संगठन और सरकारी अधिकारियों का मानना है कि कुल मिलाकर इस साल कपास के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे बड़े कपास उत्पादक राज्यों में कपास की बुआई पहले ही शुरू हो चुकी है। अहमदाबाद की कपास कारोबार करने वाली कंपनी अरुण दलाल ऐंड कंपनी के मालिक अरुण दलाल ने कहा, 'पूरे देश में करीब 30 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में कपास की बुआई हो चुकी है।'
विश्लेषकों का मानना है कि कपास की बुआई का रकबा 2010-11 में बढ़कर 110 लाख हेक्टेयर हो सकता है, जबकि 2009-10 में बुआई का रकबा 101 लाख हेक्टेयर था। कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया के मई के अनुमानों के मुताबिक भी देश में कपास के उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई है। (बीएस हिंदी)
24 जून 2010
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