नई दिल्ली June 15, 2010
लेवी चीनी की कीमतों में आगामी अक्टूबर-सितंबर सत्र से बढ़ोतरी की घोषणा से चीनी कंपनियों की जेब भारी होने के आसार हैं। उम्मीद की जा रही है कि चालू तिमाही में चीनी कंपनियों के मुनाफे में सुधार नजर आएगा, भले ही चीनी की कीमतें सुस्त हों। चीनी की कीमतें कम होने की वजह से 31 मार्च को समाप्त तिमाही में ज्यादातर कंपनियों के मुनाफे में कमी आई थी।खाद्य मंत्रालय ने लेवी चीनी की कीमतों में करीब 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव किया है। वर्तमान में देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में लेवी चीनी की कीमतें 1275 रुपये से लेकर 1383 रुपये प्रति क्विंटल तक हैं। लेवी चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलना बाकी है। उम्मीद है कि कैबिनेट जल्द ही इस पर आखिरी मुहर लगा देगी। लेवी चीनी वह होती है, जिसे मिलों को सरकार को देना होता है और सरकार उसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से जनता तक पहुंचाती है। वर्तमान में मिलों को अपने कुल उत्पादन का 20 प्रतिशत लेवी चीनी के रूप में देना होता है। उसके अलावा शेष 80 प्रतिशत चीनी, मिलें खुले बाजार में बेचती हैं। वर्तमान में खुले बाजार में चीनी की बिक्री मिलें 2700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव कर रही हैं, जबकि जनवरी में खुले बाजार में मिलों ने 4300 रुपये प्रति क्विंटल के भाव चीनी की बिक्री की थी। उत्तर प्रदेश की चीनी कंपनियां- बजाज हिंदुस्तान, बलरामपुर चीनी और त्रिवेणी इंजीनियरिंग के साथ अन्य कंपनियों को 31 मार्च को समाप्त छमाही के दौरान लेवी चीनी के कम दाम मिले। ज्यादातर चीनी कंपनियां अक्टूबर-सितंबर को चीनी वर्ष मानती हैं। बलरामपुर चीनी के निदेशक (वित्त) किशोर शाह ने कहा, 'पिछली दो तिमाही के दौरान हमें 1384 रुपये प्रति क्विंटल के भाव लेवी चीनी के दाम मिले। नई दरों के मुताबिक हमें 1826 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे। इसकी वजह से कंपनी को 40-45 करोड़ रुपये की भरपाई हो सकेगी।मवाना शुगर्स को पिछली दो तिमाही के दौरान लेवी चीनी के दाम 1275 रुपये प्रति क्विंटल मिले। मवाना शुगर्स के प्रबंध निदेशक सुनील काकरिया ने कहा, 'लेवी कीमतों में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी होने से हमारा 22।50 करोड़ रुपये का घाटा कम होगा। चालू वित्त वर्ष में हमें कुल 56,000 टन लेवी शुगर के रूप में देना है। इससे हमें निचले स्तर पर मदद मिलेगी। चालू सत्र के दौरान बजाज हिंदुस्तान ने कुल 9,70,000 टन चीनी का उत्पादन किया। उत्तर प्रदेश में कंपनी की उपस्थिति को देखें तो कंपनी को लेवी चीनी 1275-1381 रुपये प्रति क्विंटल के भाव देनी पड़ी। पुनरीक्षित कीमतों की वजह से कंपनी को चालू सत्र में 77 करोड़ रुपये का लाभ होगा।वहीं लेवी चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी की सूचना मिलते ही चीनी मिलों के शेयरों के भाव भी ऊपर की ओर दौड़े। बंबई स्टॉक एक्सचेंज में सभी कंपनियों के शेयरों के भाव बढ़े। बजाज हिंदुस्तान के शेयर 3.12 प्रतिशत बढ़कर 115.60 रुपये पर बंद हुए, वहीं धामपुर शुगर को 3.16 प्रतिशत का फायदा हुआ और उसके शेयर 63.65 पर बंद हुए। मवाना को 3.52 प्रतिशत का मुनाफा हुआ और उसके शेयर 25 रुपये पर बंद हुए। (बीएस हिंदी)
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