10 जून 2010
एमपी में गेहूं के दाम एक माह में 14 फीसदी बढ़े
गेहूं की बेहतर पैदावार को देखते हुए इसके निर्यात पर लगी रोक हटने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसके कारण गेहूं की खरीद में काफी तेजी आ गई है। प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेंहूं के दामों में तेजी आ रही है। पिछले एक महीने में इसके दाम में करीब ख्भ् फीसदी का सुधार हो गया है। मंडियों में गेहूं के दाम सरकारी खरीद के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर हो गए हैं। प्रदेश की मंडियों में गेहूं की भरपूर आवक के दबाव से इसके दाम एक माह पहले सीजन के सबसे निचले स्तर तक पहुंच गए थे। मई की शुरूआत में इंदौर में मिल क्वालिटी गेहूं के दाम ख्ख्फ्क् रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए थे। पिछले कुछ दिनों में इसके दामों में सुधार आया है। इसके दाम बढ़कर ख्फ्8क् रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। इंदौर के अलावा उज्जौन, नीमच, कटनी और सतना की मंडियों में भी इसके दामों में ख्फ्क्-ख्म्क् रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आया है। मिल क्वालिटी गेहूं के अलावा लोकवन और ख्भ्त्त गेहूं के दामों में भी खरीद निकलने से काफी सुधार आया है। स्टॉकिस्टों की ओर से निकली खरीद के चलते यह तेजी आई है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में गेहूं के दामों में आई तेजी का असर भी यहां की मंडियों में दिखाई दे रहा है। उत्तर प्रदेश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भारी खरीद के चलते दामों में तेजी से सुधार हुआ है। गेहूं के दामों में आए इस सुधार के चलते दाम एमएसपी से ज्यादा हो गए है। मध्य प्रदेश में एमएसपी पर ख्क्क् रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया गया है। इसलिए यहां ख्फ्क्क् रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी पर खरीद हो रही थी। राज्य में इस साल ब्स्त्र लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद की गई है। पिछले साल यह खरीद फ्क् लाख टन थी। यहां एफसीआई के अलावा मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरशन, मार्कफेड और स्टेट वेयर हाउसिंग कॉरपोरशन द्वारा खरीद की जा रही है। इन एजेंसियों ने इस साल ब्म् लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था। गेहूं के दामों में आई तेजी ने फ्लोर मिलों की परशानियां बढ़ा दी है। पहले यहां की मिलें उत्तर प्रदेश से गेहूं खरीद लेती थी। अब वहां के दामों में भी तेजी आ जाने से उनकी खरीद वहां से कम हो गई है। राज्य में पहले ही ख्क्क् रुपये के बोनस के चलते गेहूं की खरीद उत्तर प्रदेश के मुकाबले महंगी थी। मध्य प्रदेश फ्लोर मिल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दिनेश संधवी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि गेहूं के बढ़ते दामों को देखते हुए केंद्र सरकार को चाहिए कि खुले बाजार में गेहूं की बिक्री पिछले साल से कम दामों पर करनी चाहिए। (बिज़नस भास्कर)
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