नई दिल्ली June 17, 2010
अगले महीने से उपभोक्ताओं को प्याज के लिए अधिक दाम चुकाने पड़ सकते हैं।
कारोबारियों के मुताबिक मंडियों में अगले माह से प्याज की आवक घटने लगेगी, जिससे इसकी कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। उन्होंने इस बार प्याज का भंडारण अधिक होने की उम्मीद जताई है।
पोटेटो ओनियन मर्चेंट एसोसिएशन (पोमा) आजादपुर के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इन दिनों प्याज के दाम काफी कम चल रहे हैं, लेकिन अगले महीने आवक घटने से कीमतें बढ़ने की संभावना है। उनका कहना है कि इस साल प्याज का रिकॉर्ड उत्पादन होने की वजह से प्याज की कीमतों में बहुत अधिक तेजी के आसार नहीं है।
प्याज कारोबारी पीएम शर्मा का कहना है कि आने वाले दिनों में बारिश की वजह से सीधे खेतों से मंडियों में आने वाले प्याज की आवक बंद होने वाली है। इससे मंडियों में प्याज की आवक में कमी आएगी। ऐसे में प्याज के दाम बढ़ सकते हैं। इन दिनों आजादपुर मंडी में प्याज के थोक भाव 400-700 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
पीएम शर्मा के अनुसार मंडी में राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र लाइन से रोजाना करीब 150 गाड़ी प्याज की आवक हो रही है। राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के निदेशक आर. पी. गुप्ता के मुताबिक इस बार प्याज का रिकॉर्ड 90 लाख टन से अधिक उत्पादन होने का अनुमान है। इस वजह से प्याज का भंडारण अधिक होने की उम्मीद है।
चालू सीजन में 28-30 लाख टन प्याज का भंडारण होने की उम्मीद है। पिछले सीजन में करीब 26 लाख टन प्याज का भंडारण हुआ था। यह जुलाई-अक्टूबर के दौरान प्याज की आपूर्ति के लिए पर्याप्त है। इस अवधि में आपूर्ति के लिए भंडारण वाले प्याज की आवक होती है और इस अवधि को प्याज के मामले में लीन सीजन कहते हैं।
गुप्ता के अनुसार अधिक भंडारण की वजह से इस दौरान पिछले साल के मुकाबले उपभोक्ताओं को प्याज की बेतहाशा बढ़ी कीमतों से परेशान नहीं होना पड़ेगा। पिछले साल बारिश की वजह से खरीफ सीजन में प्याज की फसल को नुकसान हुआ था, जिससे इसके दाम अचानक दोगुने बढ़कर 20 रुपये प्रति किलोग्राम से भी ऊपर चले गए थे। (बीएस हिंदी)
18 जून 2010
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