21 जून 2010
कपास निर्यात के लिए लाइसेंस हटाने की मांग
कपास निर्यात के लिए सरकार लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त करें। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अध्यक्ष डीएन सेठ ने बताया कि आगामी नए सीजन की आवक के समय देश में कपास की करीब 55 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) की उपलब्धता रहेगी। वैसे भी चालू बुवाई सीजन में कपास की बुवाई पिछले साल से ज्यादा होने से उत्पादन भी बढ़ने की संभावना है। सीएआई के मुताबिक वर्ष 2009-10 में देश में कपास का उत्पादन बढ़कर 305।50 लाख गांठ का होने का अनुमान है जोकि पिछले साल की तुलना में पांच फीसदी ज्यादा है। पिछले साल कुल उत्पादन 290.75 लाख गांठ का हुआ था। सरकार निर्यात को नियंत्रण मुक्त करेगी तो चालू सीजन में कुल निर्यात 82 लाख गांठ का ही हो पायेगा। डीएन सेठ ने बताया कि चालू सीजन में नई आवक के समय 71.50 लाख गांठ कपास का बकाया स्टॉक बचा हुआ था, जोकि पिछले साल के 43 लाख गांठ से ज्यादा है। इसमें चालू साल का उत्पादन 305.50 लाख गांठ और 10 लाख गांठ आयात को मिलाकर कुल उपलब्धता 387 लाख गांठ की बैठेगी। जबकि पिछले साल देश में कुल उपलब्धता 343.75 लाख गांठ की ही थी। देश में कपास की घरलू खपत 250 लाख गांठ की होती है, इसमें 82 लाख गांठ निर्यात को मिला दे तो भी कुल खपत 332 लाख गांठ की ही बैठेगी। उन्होंने बताया कि अभी तक मंडियों में 293.75 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 284.50 लाख गांठ से 9.25 लाख गांठ ज्यादा है। नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि चालू सीजन में कपास की बुवाई पिछले साल की तुलना में आठ से दस फीसदी ज्यादा क्षेत्रफल में हुई है। मानूसन अनुकूल रहा तो चालू सीजन में कपास का उत्पादन ज्यादा होगा। उधर, गुजरात की मंडियों कपास की दैनिक आवक करीब छह हजार गांठ और महाराष्ट्र की मंडियों में तीन हजार गांठ की हो रही है। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 29,200 से 29,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) चल रहा है। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें