28 जून 2010
छोटे व्यापारियों को भी मिलेगा सरकारी गेहूं
नई खरीद का गेहूं रखने के लिए गोदाम खाली करने की जल्दी और मूल्य नियंत्रण के मकसद से केंद्र सरकार ने गेहूं बिक्री की नीति में बड़ा बदलाव किया है। सरकार अब बड़े औद्योगिक उपभोक्ताओं जैसे फ्लोर मिलों को ही नहीं बल्कि छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को भी गेहूं अपने गोदामों से बेचेगी। सरकारी गोदाम से कम से कम एक ट्रक गेहूं की खरीद की जा सकती है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अगुवाई में हुई अधिकार प्राप्त मंत्रीसमूह (ईजीओएम) की बैठक में पिछले सप्ताह 50 लाख टन गेहूं खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बेचने का फैसला किया। सरकार का उद्देश्य घरलू बाजार में गेहूं के दाम नियंत्रित रखना है। अप्रैल से नई फसल के गेहूं की खरीद शुरू हो गई है। पिछले साल 2000-10 के दौरान सूखे के बावजूद देश में 809।8 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) जुलाई से गेहूं की बिक्री शुरू करगी और मार्च तक बिक्री जारी रहेगी। गेहूं के बिक्री मूल्य में सरकारी खरीद कीमत और लुधियाना से बिक्री केंद्र तक के भाड़े को जोड़कर तय होगा। दिल्ली में गेहूं की बिक्री के लिए रिजर्व मूल्य 1254 रुपये प्रति क्विंटल होगा। खरीदार इससे ऊपर भाव पर ऑक्शन में बिड भर सकेंगे। दिल्ली बाजार में भी गेहूं का यह भाव खुले बाजार से कम है। खुले बाजार में गेहूं 1400 रुपये प्रति क्विंटल और आटा 16 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।सरकारी गेहूं की बिक्री न सिर्फ बड़े औद्योगिक उपभोक्ताओं जैसे फ्लोर मिलों को होगी बल्कि छोटे उद्योगों, व्यापारियों व सामान्य उपभोक्ताओं को भी सरकारी गोदामों से गेहूं सुलभ कराया जाएगा। छोटे व्यापारी जहां न्यूनतम एक ट्रक लोड यानि 9 टन (90 क्विंटल) गेहूं की खरीद कर सकेंगे, वहीं बड़े औद्योगिक उपभोक्ताओं को टेंडर के जरिये गेहूं खरीद की अनुमति होगी। खाद्य मंत्रालय जल्दी ही गेहूं बिक्री के लिए विस्तृत स्कीम तैयार कर लेगा। (बिज़नस भास्कर)
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