नई दिल्ली June 21, 2010
स्टॉकिस्टों की खरीदारी बढ़ने से जौ के दाम 5 फीसदी से अधिक बढ़ चुके हैं। कारोबारियों का कहना है कि आने वाले समय में निर्यात मांग को देखेते हुए स्टॉकिस्ट जौ की अधिक खरीदारी कर रहे हैं।
बीते तीन सप्ताह के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की जयपुर मंडी में जौ के दाम 50 रुपये बढ़कर 970-980 रुपये प्रति क्विंटल , दिल्ली में 60 रुपये बढ़कर 1050 रुपये प्रति क्विंटल हो चुके हैं।
जयपुर मंडी के जौ कारोबारी के.जी. झालानी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इन दिनों स्टॉकिस्टों ने जौ की खरीदारी तेज कर दी है। इससे जौ की कीमतों में तेजी आई है। उनका कहना है कि आगे निर्यात मांग को देखते हुए जौ की मांग में इजाफा हुआ है।
गुजरात की जौ निर्यातक और घरेलू कारोबार करने वाली कंपनी बिश्नोई ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ)संजय बिश्नोई का कहना है कि जल्द की प्रमुख जौ उत्पादक देश यूक्रेन में इसकी नई फसल खत्म होने वाली है। ऐसे में आगे भारतीय जौ की निर्यात मांग बढ़ने की उम्मीद है।
उनके मुताबिक यूक्रेन में भी जौ के दाम करीब 10 डॉलर बढ़कर 200-210 डॉलर प्रति टन हो गए है। आगे वहां इसकी कीमतें और बढ़ने की संभावना है । इसलिए भारतीय जौ के आयातक देश खासतौर पर सऊदी अरब से निर्यात मांग बढ़ने के आसार है।
बिश्नोई के अनुसार इन दिनों देश में माल्ट उद्योग की मांग भी ठीक चल रही है। इस वजह से भी कीमतों में तेजी को बल मिला है। गुजरात में जौ के दाम 50-60 रुपये बढ़कर 1060 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं।
झालानी का कहना है कि आने वाले दिनों में जौ की कीमतों में 50-100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हो सकती है। इसकी वजह कम उत्पादन के बीच निर्यात और घरेलू मांग बढ़ना है। इसके अलावा उत्पादन में कमी से इस बार पिछले साल से जौ का स्टॉक भी कम है।
बिश्नोई ने कहा कि देश में इस समय 80-90 हजार टन जौ का स्टॉक बचा हुआ है। भारतीय कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2009-10 में 12.60 लाख टन जौ का उत्पादन होने का अनुमान है, वर्ष 2008-2009 में 16.90 लाख टन जौ का उत्पादन हुआ था।
सरकार ने वर्ष 2009-10 के लिए 16 लाख टन जौ उत्पादन का लक्ष्य रखा था। सरकार ने जौ उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को 70 रुपये बढ़ाकर वर्ष 2009-10 के लिए 750 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था। (बीएस हिंदी)
24 जून 2010
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