11 जून 2010
निर्यातकों के साथ ही मसाला निर्माताओं की कमजोर मांग से हल्दी की कीमतों में गिरावट की संभावना हैं। उत्पादक राज्यों में बारिश शुरू हो गई है इसीलिए आगामी
नई दिल्ली।। सरकार ने गुरुवार को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 50 रुपये बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जिससे खाद्य सब्सिडी बिल और बढ़ सकता है। मौजूदा कारोबारी साल में खाद्य सब्सिडी बिल 55,578.18 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने दालों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला किया है, जो 700 रुपये इजाफे के साथ 3,170 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है। सरकार उम्मीद कर रही है कि इससे दाल की खेती को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, किसानों को ज्यादातर राज्यों में दाल के लिए एमएसपी से ज्यादा दाम मिल रहा है। केंद्र खुद दाल नहीं खरीदती है, ऐसे में इस कदम से बुआई में ज्यादा इजाफा होने की संभावना नहीं है। थोक बाजार के लिए बेंचमार्क का काम करने वाला दालों का एमएसपी मूंग, उड़द और अरहर जैसी कुछ किस्मों के लिए मौजूदा रीटेल भाव का सिर्फ 30-50 फीसदी है। भारत दालों का शुद्ध आयातक है और कीमतों में भारी उछाल वैश्विक स्तर पर कमोडिटी के दाम बढ़ने की वजह से है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनकी खेती केवल म्यांमार और ऑस्ट्रेलिया में होती है। भारत ने 2009-10 में 1.477 करोड़ टन दालों का उत्पादन किया था, जबकि जरूरत 1.8-1.9 करोड़ टन है। सबसे ज्यादा इजाफा अरहर दाल (तूर) के मामले में हुआ है, जिसकी खपत ज्यादा है। तूर के लिए एमएसपी पिछले साल की 2,300 रुपये की तुलना में बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। एक अन्य लोकप्रिय किस्म मूंग दाल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,760 रुपये प्रति से बढ़ाकर 3,170 रुपये कर दिया गया है। उड़द के लिए एमएसपी पिछले साल के 2,520 रुपये की तुलना में 2,900 रुपये कर दिया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने कहा, 'कमिशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट एंड प्राइसेज ने अरहर की अहमियत को देखते जितना दाम बढ़ाने की सिफारिश की थी, उसकी तुलना में एमएसपी 200 रुपये से ज्यादा बढ़ाया गया है।' एक साल पहले अरहर के दाम आसमान छूते हुए 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए थे और अब यह 70 रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर बने हुए हैं। मूंग दाल खुदरा बाजार में 100 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा कीमत पर बिक रही है। इसके अलावा मड़ाई और दो महीने की आवक अवधि के दौरान सरकारी एजेंसियों को बेची जाने वाली तूर, उड़द और मूंग पर 5 रुपये प्रति किलोग्राम का अतिरिक्त इनसेंटिव भी दिया जाएगा। गेहूं और धान से उलट सरकार किसानों से दालें नहीं खरीदती, लेकिन अगर कीमत एमएसपी से नीचे जाती है तो वह बाजार में दखल जरूर देती है। सामान्य किस्म वाली धान के लिए एमएसपी पिछले साल 950 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि ग्रेड ए किस्म के लिए यह 980 रुपये से बढ़ाकर 1030 रुपये करने का फैसला किया गया है। (ई टी हिंदी)
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