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03 जून 2010

तीखी होगी लाल मिर्च

भोपाल June 02, 2010
आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश में लाल मिर्च के दाम में आग लगने के पूरे आसार हैं। इसका प्रमुख कारण प्रदेश में मिर्च के कम भंडारण और बीते रविवार को स्थानीय मंडी में मिर्च के भंडार में लगी आग है। आधिकारिक तौर पर अभी आग से हुए नुकसान का आंकड़ा आना बाकी है। वैसे विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, लगभग 3।5 लाख किलो लाल मिर्च रविवार को लगी आग में जलकर स्वाहा हो गई है। इतनी मात्रा प्रदेश में मिर्च की लगभग 5 महीने के खपत के बराबर है। मिर्च के खाक होने के चलते लाल मिर्च का भंडारण भी लगभग न के बराबर हो गया है। इन सबके चलते बीमा सुरक्षा की समस्या से जूझती स्थानीय करोंद मंडी के लाल मिर्च के व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। वर्तमान शादी और अचार के मौसम में मसालों के स्थानीय दाम में पहले से ही तेजी बनी हुई थी, मंडी में लगी आग से इस तेजी को और हवा मिलने की आशंका है। लाल मिर्च व्यापारियों को भी जल्द ही लाल मिर्च के दाम बढऩे की आशंका है। हालांकि सीधे तौर पर व्यापारियों ने मिर्च के दाम में बढ़ोत्तरी को लेकर कुछ भी कहने से मना कर दिया है। मिर्च व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष शरद कुकरेजा ने बताया कि वर्तमान में भोपाल और आस-पास के शहरों के लिए लाल मिर्च का भंडारण लगभग खत्म हो गया है। वर्तमान में अगले 4-5 दिनों के लिए भी लाल मिर्च का स्टॉक नहीं बचा है। व्यापारियों के पास दूसरे राज्यों से मिर्च खरीदने के लिए धन की भी कमी बनी हुयी है। ऐसे में हम मुख्यमंत्री से कुछ धन मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं। धन उपलब्ध होने पर मिर्च उत्पादक राज्यों से मिर्च खरीदी की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश में कई जगह लाल मिर्च का भंडारण खत्म होने को है। इससे दूसरे राज्यों से लाल मिर्च की मांग बढ़ गई है।प्रदेश में महाराष्टï्र और आंध्र प्रदेश से लाल मिर्च का आयात किया जाता है। इनमें 334, अग्नि, तेजा, वंडर आर्ट, रोशनी और 12 नंबर किस्म के मिर्च की आवक अधिक होती है। हालांकि इनमें से कई किस्म की मिर्च का उत्पादन प्रदेश में भी किया जाता है, लेकिन इसकी मात्रा काफी कम रहती है। मिर्च उत्पादक राज्यों में प्रत्येक वर्ष सितंबर-अक्टूबर के समय मिर्च उत्पादन का काम शुरू होता है। जनवरी के मध्य से प्रदेश में भी लाल मिर्च की आवक चालू हो जाती है, जो जून में कुछ समय तक चलती है। मिर्च के दाम 4000 रुपये से 5000 रुपये प्रति क्विंटल तक बने हुए हैं। (बीएस हिंदी)

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