05 जून 2010
बड़े उपभोक्ताओं की चीनी स्टॉक लिमिट हटाने की तैयारी
सरकार की नजर में चीनी के दाम अत्यधिक नीचे आ चुके हैं और इनमें सुधार होना चाहिए। चीनी उद्योग की मांग के अनुरूप सरकार बड़े उपभोक्ताओं जैसे कोल्ड ड्रिंक, बिस्कुट, आइसक्रीम और कन्फेक्शनरी निर्माताओं पर लगी स्टॉक लिमिट को हटाने की तैयारी कर रही है। अगले माह इनके लिए स्टॉक लिमिट हटाई जा सकती है। इस समय औद्योगिक उपभोक्ता 15 दिन की खपत के बराबर चीनी स्टॉक कर सकते हैं। उधर कृषि मंत्री शरद पवार ने रिफाइंड चीनी पर 25त्न आयात शुल्क लगने का संकेत दिया है।पवार ने बताया कि उद्योग रिफाइंड चीनी पर 60 फीसदी आयात शुल्क लगाने की मांग कर रहा है लेकिन हमार विचार से 20-25 फीसदी शुल्क लगाने पर्याप्त होगा। हालांकि इस पर फैसला अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के मूल्य का रुख देखने के बाद किया जाएगा। दूसरी ओर खाद्य मंत्रीलय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले चार माह में चीनी के दाम काफी घट चुके हैं और उत्पादन में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। अब हम बड़े उपभोक्ताओं पर लगी स्टॉक लिमिट हटाने पर सोच सकते हैं। इस पर अगले माह जुलाई में फैसला किया जा सकता है।इस अधिकारी ने कहा कि चीनी मूल्य के कठिन दौर से देश निकल चुका है। अब चीनी की सुलभता काफी बेहतर है। बड़े उपभोक्ताओं पर स्टॉक लिमिट पिछले साल अगस्त में लगी थी। उस समय 15 दिन के स्टॉक की सीमा तय की गई थी। बाद में इस साल फरवरी में और कड़ाई करके इस वर्ग के उपभोक्ताओं को 10 दिन की खपत के बराबर चीनी रखने की अनुमति दी गई। देश में चीनी का मूल्य 50 रुपये प्रति किलो था। अब खुले बाजार में चीनी का खुदरा मूल्य घटकर करीब 32 रुपये प्रति किलो रह गया है। पिछले 21 मई को स्टॉक लिमिट में रियायत दी गई और 15 दिन की चीनी स्टॉक करने की अनुमति दे दी गई।स्टॉक लिमिट के कारण बड़े उपभोक्ता आयातित चीनी का ज्यादा उपयोग कर रहे हैं क्योंकि इस चीनी पर कोई स्टॉक लिमिट लागू नहीं है। चूंकि करीब 60 फीसदी चीनी की खपत इस वर्ग के ही उपभोक्ता करते हैं, इसलिए इन पर स्टॉक लिमिट लगने के कारण चीनी के मूल्य में खासी गिरावट आ गई थी। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन की मांग की है कि घरलू चीनी पर स्टॉक लिमिट होने के कारण बड़े उपभोक्ता आयात में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं। इस वजह से स्टॉक लिमिट हटाई जानी चाहिए।योजनाकोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम निर्माताओं को मनमाफिक स्टॉक की अनुमति संभवचीनी पर 25 फीसदी आयात शुल्क पर्याप्त होगा : पवार (बिज़नस भास्कर)
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