04 जून 2010
टायर उद्योग की मांग पर नहीं रुकेगा रबर वायदा
उद्योग की लॉबिंग के बावजूद नेचुरल रबर के वायदा कारोबार पर रोक की संभावना नहीं है। उपभोक्ता मामले विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नेचुरल रबर के वायदा कारोबार पर रोक लगाने से किसानों को नुकसान हो सकता है । रबर आवश्यक वस्तु अधिनियम की श्रेणी में भी नहीं आती है। इसलिए वायदा कारोबार पर रोक लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उद्योग ने नेचुरल रबर की कीमतों में आई तेजी के कारण नेचुरल रबर के वायदा कारोबार पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके अलावा सरकारी कंपनियों के माध्यम से दो लाख टन शुल्क मुक्त नेचुरल रबर के आयात की मांग की गई थी। अधिकारी ने बताया कि नेचुरल रबर की कीमतों में तेजी आने का कारण टायर उद्योग की मांग में बढ़ोतरी होना है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी आने से भी घरलू मूल्य को समर्थन मिला है। भारतीय रबर बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2010-11 में नेचुरल रबर का उत्पादन 8.93 लाख टन होने का अनुमान है जबकि इस दौरान खपत 9.78 लाख टन होने की संभावना है। उत्पादन के मुकाबले खपत 9.5 फीसदी ज्यादा होगी। ऑटोमेटिव टॉयर मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के महानिदेशक राजीव बुद्धिराजा ने बताया कि टायर उद्योग की मांग पिछले साल से पांच-छह फीसदी ज्यादा रहेगी। इंडियन रबर ग्रोवर्स एसोसिएशन के महासचिव एस. जे. मोनिपल्ली ने बताया कि भारत से टायर निर्यात में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।वैसे भी पिछले वित्त के दौरान अग्रिम लाइसेंस नीति के तहत 1.52 लाख टन नेचुरल रबर का आयात किया गया है। इसीलिए इस समय बकाया स्टॉक पिछले साल की तुलना में करीब 17 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल इस समय देश में नेचुरल रबर का बकाया स्टॉक 186,170 टन का था जबकि इस समय स्टॉक ज्यादा करीब 218,036 टन है। ऐसे में नेचुरल रबर पर आयात शुल्क घटाने और वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाने की कोई वजह नहीं है। वैसे भी टायर कंपनियों ने वार्षिक परिणाम में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 25त्न का मुनाफा कमाया है। रबर बोर्ड के अनुसार मई में नेचुरल रबर का उत्पादन बढ़कर 54,600 टन हुआ है जबकि पिछले साल मई में उत्पादन 53,550 टन उत्पादन रहा था। मई में खपत भी पिछले साल के 71,250 टन से बढ़कर 79,000 टन रही। उधर कोच्चि में नेचुरल रबर आरएसएस-4 का भाव 166 और आरएसएस-5 का भाव 164 रुपये प्रति किलो है जबकि विदेशी बाजार में इसका भाव 176 रुपये प्रति किलो (भारतीय मुद्रा में) चल रहा है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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