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03 जून 2010

आयातित खाद्य तेल सस्ता पर घरेलू बाजार में तेजी

नई दिल्ली. आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट के बावजूद घरेलू बाजार में दाम बढ़ रहे हैं। घरेलू बाजार में स्टॉकिस्टों की बिकवाली इन दिनों कमजोर है, इसी वजह से कीमतों में सुधार आया है। पिछले दस दिनों में थोक बाजार में खाद्य तेलों की कीमतें 10-15 रुपये प्रति दस किलो बढ़ गई है। लेकिन क्रूड पाम तेल और आरबीडी के भाव पिछले एक महीने में करीब 3.5 फीसदी घटे हैं। ब्राजील और अर्जेटीना में तिलहन उत्पादन में बढ़ोतरी तथा अमेरिका में बुवाई क्षेत्रफल बढ़ा है। ऐसे में घरेलू बाजार में मौजूदा तेजी टिकने की संभावना नहीं है। दिल्ली वैजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने और ब्याह-शादियों का सीजन होने के कारण थोक बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में सुधार आया है। जयपुर में सरसों तेल का भाव सुधकर 470 रुपये, हरियाणा की मंडियों में बिनौला तेल का भाव 418 रुपये, इंदौर में सोया रिफाइंड तेल का भाव बढ़कर 450 रुपये, राजकोट में मूंगफली तेल का भाव 710 रुपये और कांडला बंदरगाह पर क्रूड पाम तेल और आरबीडी पामोलीन का भाव क्रमश: 380 व 400 रुपये प्रति दस किलो हो गए। जानकारों का कहना है कि घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा होने से आयात मांग में कमी आई है। इसीलिए आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में पिछले एक महीने में करीब 3.5 फीसदी का मंदा आया है। तीन मई को क्रूड पाम तेल का सीएंडएफ मुंबई भाव 820 डॉलर प्रति टन था, जो बुधवार (2 जून) को घटकर 790 डॉलर प्रति टन बोला गया। इस दौरान आरबीडी पामोलीन का भाव 842 डॉलर से घटकर 792 डॉलर प्रति टन रह गया। अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार ब्राजील में सोयाबीन का उत्पादन पिछले साल के 570 लाख टन से बढ़कर 680 लाख टन होने का अनुमान है। अर्जेटीना में उत्पादन पिछले साल के 320 लाख टन से बढ़कर 540 लाख टन होने का अनुमान है। इन देशों में कटाई का कार्य पूरा हो चुका है तथा ब्राजील में कुल उत्पादन की करीब 60 फीसदी सोयाबीन बिक चुकी है। उधर अमेरिका में सोयाबीन की बुवाई पिछले साल के 575 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 781 लाख हैक्टेयर में होने की संभावना है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों पर दबाव बना रहेगा, जिसका असर घरेलू बाजार में इसकी कीमतों पर पड़ेगा। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के मुताबिक घरेलू बाजारों में करीब 12-13 लाख टन खाद्य तेलों का स्टॉक है। जबकि तिलहनों का भी भारी स्टॉक बचा हुआ है। मौसम विभाग खरीफ में सामान्य मानसून की भविष्यवाणी कर रहा है। इसीलिए खरीफ में तिलहनों का उत्पादन बढ़ने का ही अनुमान है। चालू तेल वर्ष के पहले छह महीनों (नवंबर से अप्रैल) के दौरान 42.90 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हो चुका है। अप्रैल में आयात में कमी आई है लेकिन मई से जुलाई तक भारत में सुस्त सीजन होने के कारण उपलब्धता मांग के मुकाबले बढ़ने का अनुमान है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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