कुल पेज दृश्य

07 जून 2010

लेवी चीनी घटाकर 15फीसदी कर सकती है सरकार

चीनी मिलों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार लेवी चीनी की मात्रा 20 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर सकती है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीनी का उत्पादन पूर्वानुमान 160 लाख टन से बढ़कर 188 लाख टन होने की संभावना है। नए बुवाई सीजन में गन्ने की बुवाई पिछले साल से अच्छी चल रही है। ऐसे में आगामी पेराई सीजन में देश में चीनी का उत्पादन और बढ़ने की संभावना है। इसीलिए केंद्र सरकार आगामी पेराई सीजन (अक्टूबर से सितंबर) के लिए लेवी चीनी की मात्रा में कमी कर सकती है। चीनी मिलों को राहत देने के क्रम में चीनी आयात पर शुल्क लगाने और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए स्टॉक लिमिट हटाने पर भी विचार किया जा रहा है।मांग कमजोर होने से घरेलू बाजार में चीनी के दाम लगातार घट रहे हैं। दिल्ली थोक बाजार में शनिवार को चीनी का भाव घटकर 2800 रुपये और उत्तर प्रदेश में एक्स-फैक्ट्री भाव घटकर 2650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। महाराष्ट्र में चीनी का एक्स-फैक्ट्री भाव घटकर 2350-2400 रुपये प्रति `िंटल रह गया। पिछले एक महीने में ही इसकी की कीमतों में करीब 250 से 300 रुपये प्रति `िंटल की गिरावट आ चुकी है। उन्होंने बताया कि लेवी के रूप में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए करीब 28 लाख टन चीनी की हर साल जरूरत होती है। पिछले अक्टूबर में चीनी का उत्पादन कम रहने की स्थिति में लेवी चीनी 10 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दी गई थी ताकि पीडीएस के लिए पर्याप्त चीनी सरकार को प्राप्त हो सके। गौरतलब है कि लेवी के रूप में सरकार निश्चित मूल्य (बाजार भाव से काफी कम मूल्य) पर चीनी लेती है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन के शुरू में चीनी का उत्पादन अनुमान 160 लाख टन का था। जबकि 31 मई तक उत्पादन बढ़कर 185 लाख टन का हो चुका है। ऐसे में चीनी का उत्पादन अनुमान पहले से 15।6 फीसदी ज्यादा हो चुका है। इसीलिए उद्योग केंद्र सरकार से लेवी चीनी की मात्रा घटाने की मांग कर रहा है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में कुछ मिलों में अभी पेराई चल रही है। ऐसे में कुल उत्पादन बढ़कर 188 लाख टन होने की संभावना है। चालू पेराई सीजन के शुरू में 27 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचा था तथा चालू पेराई सीजन में करीब 36.5 लाख टन चीनी (रॉ शुगर और व्हाईट शुगर) का आयात हो चुका है। ऐसे में देश में कुल उपलब्धता 251.5 लाख टन रहने का अनुमान है। जबकि देश में चीनी की सालाना खपत करीब 225 लाख टन होती है। ऐसे में आगामी नए पेराई सीजन के समय करीब 26.5 लाख टन का स्टॉक बचने का अनुमान है। (बिज़नस भास्कर......आर अस राणा)

कोई टिप्पणी नहीं: