अहमदाबाद December 02, 2009
सीमेंट कीमतों का रुख तेज बना हुआ है। प्रेक्षकों के मुताबिक, एक पखवाड़े में इसकी कीमत में दूसरी बार वृद्धि होने की संभावना है।
उनके अनुसार, मौजूदा वर्ष की दूसरी छमाही में इसकी कीमत लुढ़कने के बाद फिर से पहले वाली स्थिति में आने जा रही है। जानकारों का अनुमान है कि अगले 2 महीनों में इसके दामों में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है।
सीमेंट के दाम पहले ही 7 दिन के भीतर दो बार बढ़ चुके हैं। नवंबर के अंतिम हफ्ते में पश्चिमी और दक्षिणी भारत में सीमेंट की 50 किलोग्राम की बोरी में 5 से 10 रुपये की बढ़ोतरी होने के बाद कल ही मुंबई में इसकी कीमत प्रति बोरी 8 से 11 रुपये बढ़ गई।
थोक कारोबारियों और डीलरों ने पुष्टि की कि अगली बार उत्तर भारत में सीमेंट के दाम में बढ़ोतरी होगी। देश के उत्तरी हिस्से में सीमेंट के दाम अब तक उत्तर और पश्चिम भारत की तुलना में स्थिर बने रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, राष्ट्रमंडल खेलों और रेल वैगनों की किल्लत के चलते कीमतें स्थिर रहेगी और और उसमें बहुत ज्यादा गिरावट नहीं होगी।
पश्चिम और दक्षिण भारत में सीमेंट की गैर-कारोबारी कीमत पिछले तीन महीने में 20-30 फीसदी गिर चुकी थी और यह 2005 के स्तर तक चली गई। मुंबई में सीमेंट के दाम में हुई बढ़ोतरी की पुष्टि करते हुए उद्योग के आंतरिक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर दावा किया, 'इस महीने हम इसके दाम में और वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं। इसके बाद फिर जनवरी में वृद्धि होगी। लेकिन इस बार उत्तरी भारत में दाम बढ़ेंगे।'
मुंबई में ऐंजल ब्रोकिंग के एक विश्लेषक रूपेश संखे ने कहा, 'कई इलाकों में अंतिम उपभोक्ता विशेषकर रियल्टी कंपनियां कीमतें कम होने का इंतजार कर रही थीं। ऐसा इसलिए भी कि पिछली तिमाही में पश्चिम और दक्षिण भारत में रुझान बहुत खराब हो गया था। इससे मांग-आपूर्ति के चक्र पर असर पडा। जब आंध्र प्रदेश की कंपनियों ने कीमतें बढ़ाने का ऐलान कर दिया तो उत्तरी भारत की कंपनियां भी दिसंबर आखिर या जनवरी के पहले हफ्ते में कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं।'
दिल्ली के एक थोक कारोबारी ने नाम ने छापने की शर्त पर बताया कि दिसंबर के मध्य तक प्रति बोरी 5 रुपये तक की वृद्धि हो सकती है। बिानेस स्टैंडर्ड को यही जवाब पश्चिम भारत के थोक कारोबारियों और डीलरों समेत अंबुजा सीमेंट, एसीसी और अल्ट्राटेक से मिला। हालांकि उत्तर भारत की कंपनियों का कहना है कि सीमेंट की कीमत स्थिर बनी रहेंगी।
जेके लक्ष्मी सीमेंट के पूर्णकालिक निदेशक शैलेंद्र चौकसी ने कहा, 'हमें सीमेंट की खपत ज्यादा बढ़ने की उम्मीद नहीं है। इसलिए कीमतों में स्थायित्व बने रहने की संभावना है।' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सीमेंट की कीमत पारंपरिक तौर पर अस्थाई होती है। इसलिए कुछ भी अनुमान लगा पाना मुश्किल है।
श्री सीमेंट, जो लगभग 90 फीसदी उत्पाद उत्तर भारत में बेचती है, के प्रबंध निदेशक एच। एम. बांगुर ने बताया, 'इस साल मांग में कुल मिलाकर 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है और अगले साल इसमें करीब 9.5 फीसदी की बढ़त होना चाहिए।' हालांकि उन्होंने उत्तर भारत में कीमत न बढ़ने की उम्मीद जाहिर की और कहा कि अगले कुछ महीनों तक इसमें स्थिरता बनी रहेगी। (बीएस हिन्दी)
03 दिसंबर 2009
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