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16 दिसंबर 2009

निर्यात सौदे कम होने से घरेलू मंडियों में कॉटन के दाम घटे

निर्यातकों की मांग कमजोर होने से घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में पिछले तीन-चार दिनों में 800 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी 356 किलो) की गिरावट आई है। सोमवार को गुजरात की मंडियों में शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव घटकर 26,700-26,800 रुपये प्रति कैंडी रह गये। नवंबर महीने में निर्यातकों ने टैक्सटाइल कमिश्नर के ऑफिस में करीब 31 लाख गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) के निर्यात सौदे पंजीकृत किये थे जबकि इस इस दौरान निर्यात मात्र 1।01 लाख गांठ की ही हुई थी। निर्यातकों द्वारा भारी मात्रा में निर्यात सौदे पंजीकृत किये जाने के कारण घरेलू बाजार में दाम बढ़ गये थे लेकिन चालू महीने में निर्यातकों के साथ घरेलू मिलों की मांग कमजोर होने से गिरावट आई है।टैक्सटाइल कमिश्नर ऑफिस के सूत्रों के अनुसार नवंबर महीने में लगभग 31 लाख गांठ के निर्यात सौदे दर्ज हुए हैं हालंकि इनमें से शिपमेंट मात्र 1.01 लाख गांठ की ही हुई है। अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में निर्यात सौदों में करीब चार गुणा की बढ़ोतरी हुई। अबोहर स्थित मैसर्स कमल कॉटन ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर राकेश राठी ने बताया कि उद्योग द्वारा कॉटन निर्यात पर रोक लगाने की मांग के कारण निर्यातकों ने ज्यादा से ज्यादा निर्यात सौदे दर्ज करवाये। चूंकि सरकार ने निर्यात पर रोक नहीं लगाई तथा निर्यात सौदों में भारी बढ़ोतरी से घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में भारी तेजी आ गई थी। अत: ऊंचे दाम होने से निर्यातकों की मांग तो कमजोर हुई ही साथ में घरेलू मिलों ने खरीद भी पहले की तुलना में कम कर दी। जिससे कॉटन की कीमतों में गिरावट को बल मिला है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय मांग को देखते हुए मौजूदा कीमतों में भारी गिरावट की संभावना नहीं है।कॉटन निर्यातक संजीव गर्ग ने बताया कि चालू महीने में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन की कीमतें स्थिर बनी हुई है। 30 नवंबर को न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में कॉटन के दिसंबर वायदा अनुबंध के भाव 70.75 सेंट प्रति पाउंड थे जबकि इस समय भाव 70.21 सेंट प्रति पाउंड चल रहे हैं। घरेलू बाजार में पिछले एक महीने में कॉटन की कीमतों में काफी तेजी आई थी। छह नवंबर को गुजरात की मंडियों में शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव 24,500 से 24,600 रुपये प्रति कैंडी थे जोकि दस दिसंबर को बढ़कर 27,300 से 27,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गये थे।कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक कपास की पैदावार 295 लाख गांठ (एक गांठ 170 किलो) होने की संभावना है। पिछले साल इसकी पैदावार 292 लाख गांठ की हुई थी। हालांकि कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ में कॉटन उत्पादन 236 लाख गांठ होने का अनुमान है। निर्यातकों की अच्छी मांग से चालू सीजन में देश से कॉटन का निर्यात बढ़कर 70 लाख गांठ तक होने की उम्मीद है। (बिज़नस भास्कर)

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