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16 दिसंबर 2009

निर्यात घटने, नई सप्लाई बढ़ने से प्याज 12फीसदी सस्ती

प्याज का निर्यात घटने और नई फसल की सप्लाई जोर पकड़ने से घरेलू बाजार में प्याज के थोक भाव घटने लगे हैं। इस माह इसके भाव में 12 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है, लेकिन थोक में भाव घटने बावजूद खुदरा में प्याज के दाम तुलनात्मक तौर पर कम नहीं हो रहे हैं।दिल्ली में प्याज के दाम चालू माह के दौरान 550-750 रुपये से घटकर 450 -550 रुपये प्रति बोरी (40 किलोग्राम) रह गए हैं। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी)अधिक रहने के कारण नवंबर में प्याज का निर्यात करीब 60 फीसदी घटकर 50 हजार टन रहा। अक्टूबर में 1.23 लाख टन प्याज निर्यात हुई थी। दरअसल नवंबर के लिए एमईपी में 145 डॉलर प्रति टन का इजाफा हुआ था। उक्त अधिकारी के अनुसार निर्यात कम होने के कारण घरेलू बाजार में सप्लाई बढ़ने से प्याज के मूल्यों में कमी आई हैं। साथ ही नई फसल की सप्लाई जोर पकड़ने की वजह से भी इसकी कीमतों में गिरावट को बल मिला है। राष्ट्रीय राजधानी स्थित फल एवं सब्जी मंडी आजादपुर मंडी में पीएम ओनियन कंपनी के मालिक पीएम शर्मा ने बताया कि मंडी में इन दिनों 250-300 गाड़ी प्याज की सप्लाई हो रही है, जो पिछले माह के मुकाबले काफी अधिक है। कारोबारियों के अनुसार आगे महाराष्ट्र लाइन से सप्लाई बढ़ने पर इसकी कीमतों में और गिरावट आ सकती है। उधर, इस बार खरीफ सीजन में देर से और असमय बारिश होने से प्याज की पैदावार पिछले सीजन के मुकाबले कम रह सकती है। राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के अनुसार खरीफ सीजन में प्याज का उत्पादन 10-12 फीसदी घटकर 14.15 लाख टन रहने का अनुमान है। पिछले खरीफ सीजन के दौरान 16.11 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था। उत्पादन घटने की वजह सितंबर-अक्टूबर के दौरान महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में बारिश की वजह से प्याज की फसल बर्बाद होना है। जिससे उस दौरान इसके दाम अचानक बढ़कर दोगुने हो गए थे।वहीं, रबी सीजन के लिए प्याज की रोपाई हो चुकी है। इसमें मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पूवरेत्तर राज्यों में प्याज की रोपाई बढ़ने के आसार हैं, जबकि महाराष्ट्र और गुजरात में इसमें कमी आ सकती है। हालांकि प्याज की कुल रोपाई पिछले रबी सीजन के बराबर होने की संभावना है। पिछले रबी सीजन के दौरान देश में 45.83 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था। (बिज़नस भास्कर)

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