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05 दिसंबर 2009

जबर्दस्त तेजी के बाद हल्दी में भारी गिरावट का दौर शुरू

हल्दी के भाव में जैसी पहले तेजी आई थी, वैसी ही जबर्दस्त गिरावट शुरू हो गई है। यह गिरावट नई फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना से आई है। पिछले दो-तीन दिनों में हाजिर बाजार में हल्दी के दाम 1500 रुपये और वायदा में 1600 रुपये प्रति क्विंटल तक घट चुके हैं। चालू फसल सीजन में हल्दी का उत्पादन लगभग 25 फीसदी बढ़ने की संभावना है। ऐसे में जनवरी तक इसकी मौजूदा कीमतों में लगभग 25 फीसदी की और कमी आने की संभावना है।मैसर्स मनसाराम योगेश कुमार के प्रोपराइटर पूनम चंद गुप्ता ने बताया कि चालू सीजन में देश में हल्दी का उत्पादन बढ़कर 54-55 लाख बोरी (प्रति बोरी 70 किलो) होने की संभावना है जोकि पिछले साल के मुकाबले करीब 25 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल प्रतिकूल मौसम से देश में हल्दी का उत्पादन घटकर 43 लाख बोरी का रह गया था। निर्यात और घरेलू मांग को मिलाकर देश में हल्दी की सालाना खपत 45 से 47 लाख बोरी की होती है। पिछले साल नई फसल के समय करीब छह-सात बोरी का बकाया स्टॉक था लेकिन चालू सीजन स्टॉक न के बराबर बचेगा। ऊंचे भाव पर मांग कम होने और स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से पिछले दो-तीन दिनों में हाजिर बाजार में हल्दी की कीमतें 1500 रुपये प्रति क्विंटल तक घट चुकी हैं। शुक्रवार को निजामाबाद मंडी में हल्दी के दाम घटकर 10,300-10,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए जबकि इरोड़ मंडी में इस दौरान भाव घटकर 11,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।निवेशकों की मुनाफावसूली से नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) में हल्दी के दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में पिछले तीन दिनों में 15 फीसदी की गिरावट आई। एक दिसंबर को वायदा में इसके भाव 10,693 रुपये प्रति क्विंटल थे जोकि शुक्रवार को घटकर 9,084 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर महीने के दौरान भारत से हल्दी का निर्यात 33,750 टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 33,575 टन का हुआ था।मैसर्स ज्योति ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर सुभाष गुप्ता ने बताया कि दाम ऊंचे होने के कारण चालू बुवाई सीजन में किसानों ने हल्दी की बुवाई ज्यादा क्षेत्रफल में की है। जनवरी के मध्य में उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी जबकि इस समय उत्पादक मंडियों में करीब साढ़े तीन लाख बोरी का स्टॉक बचा हुआ है। हल्दी की प्रमुख मंडी इरोड में करीब एक लाख, डुग्गीराला में सवा लाख और निजामाबाद में 30 हजार बोरी का स्टॉक बचा हुआ है। नई फसल को देखते हुए स्टॉकिस्टों ने पहले की तुलना में बिकवाली बढ़ा दी है। जिससे गिरावट को बल मिल रहा है। जनवरी में आवक का दबाव बनने पर हल्दी की मौजूदा कीमतों में और भी करीब 25 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है।rana@businessbhaskar।net (बिज़नस भास्कर......आर अस राणा)

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