07 दिसंबर 2009
ग्लोबल वार्मिग का मुकाबला करेगी आलू की नई किस्म
आलू उत्पादकों के लिए एक अच्छी खबर है। केंद्रीय आलू शोध संस्थान (सीपीआरआई) शिमला ने आलू की एक ऐसी किस्म तैयार की है जो ग्लोबल वार्मिग के बुरे प्रभावों से बची रहेगी। सीपीआरआई के प्रमुख वैज्ञानिक जे.एस. मिन्हास ने कहा कि आलू की नई किस्म ‘कुफ्री सूर्या’ सामान्य किस्म से चार डिग्री ज्यादा तापमान को भी सहन कर सकती है। आलू की बुवाई की आदर्श स्थिति के लिए रात का तापमान 18 डिग्री तक होना चाहिए, लेकिन कुफ्री सूर्या 22 डिग्री तक तापमान को भी सहन कर सकती है। उन्होंने कहा कि देश में इस तरह की यह पहली किस्म है। इजराइल जैसे देश पहले ही इस तरह की किस्म विकसित कर चुके हैं। इस किस्म की परीक्षण बुवाई मेरठ, धारवाड़ और पुणो में की गई जो सफल रही है। इस किस्म का बीज मेरठ के मोदीपुरम में तैयार किया जा रहा है। (बिज़नस भास्कर)
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