07 दिसंबर 2009
इस बार फरवरी तक ही चल पाएंगी जिनिंग मिलें
पंजाब की जिनिंग मिलें इस बार समय से पहले ही बंद हो सकती हैं। जिनर्स को आशंका है कि कपास की कमी के चलते इस बार जिनिंग मिलें फरवरी अंत तक ही चल पाएंगी, जबकि पिछले साल 31 मार्च तक मिलें चली थी। राज्य में इस बार कपास उत्पादन करीब एक लाख गांठ कम रहने की आशंका जताई जा रही है। कपास के भाव 3,500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुके हैं। किसानों ने भावों में और बढ़ोतरी की उम्मीद पर कपास की आवक भी धीमी कर दी है। पंजाब जिनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भगवान बंसल के मुताबिक पंजाब में मौजूदा समय में 300 से ज्यादा जिनिंग मिलें चल रही हैं, जहां पर पंजाब में पैदा होने वाली पूरी कपास की खपत हो जाती है। इस बार जिस तरह से कपास धीमी गति से आ रही है उससे जिनर्स में बेचैनी पैदा हो गई है।खुद कृषि विभाग भी इस बात को स्वीकार कर चुका है कि कपास के उत्पादन में कमी होगी। इस कमी का असर जिनिंग मिलों पर ही पड़ेगा। इसलिए इस बार पंजाब की जिनिंग मिलें एक महीने पहले ही बंद होने की आशंका है। पहले ही पंजाब के जिनर्स राज्य सरकार के भारी भरकम 12।5 फीसदी करों के बोझ से जूझ रहे हैं। ऐसे में कपास की कमी उनके लिए बड़ा नुकसान साबित होगी। कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) के पंजाब प्रबंधक एससी सरकार के मुताबिक पंजाब में अभी तक 7.5 लाख गांठों की आवक मंडियों में हो चुकी है। किसानों ने अभी आवक को धीमा कर रखा है। उन्हें उम्मीद है कि कपास के भावों में तेजी आएगी। किसानों को सही भाव मिल रहा है इसके चलते सीसीआई ने 86,000 गांठें खरीदने के बाद खरीद बंद कर दी थी।कृषि विभाग के सूत्रों के मुताबिक पंजाब में इस बार एक लाख गांठ के करीब उत्पादन कम रहने की संभावना है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों बठिंडा और फिरोजपुर में उत्पादन पर मौसम का काफी बुरा असर पड़ा है। तेज गर्मी के चलते कपास के पौधे अच्छी तरह विकसित नहीं हो पाए हैं। इसके अलावा फिरोजपुर जिले के अबोहर और फाजिल्का क्षेत्र में सफेद मक्खी व लीफ कर्ल नामक बीमारी का काफी असर पड़ा है। इन इलाकों में पिछले साल उत्पादन 688 किलो प्रति हेक्टेयर था जो इस बार घटकर 670 किलो तक रहने की आशंका है। नार्थ इंडिया कॉटन डीलर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक कपूर के मुताबिक कपास के भाव 3,500 रुपये क्विंटल तक पहुंच गये हैं। लगातार बढ़ रहे भावों के चलते किसानों ने भी आवक धीमी कर दी है। (बिज़नस भास्कर)
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